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रायपुर, 25 जनवरी। कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री परमानन्द जैन एवं प्रदेश महामंत्री श्री सुरिन्द्रर सिंह ने बताया कि आज कैट सी.जी. चैप्टर के कानूनी और तकनीकी टीम की बैठक कैट के प्रदेश कार्यालय में हुई। कानूनी एवं तकनीकी टीम द्वारा जीएसटी सरलीकरण एवं विसंगतियो तथा आम बजट हेतु आयकर पर सुझाव प्रस्तुत किये जो निम्नानुसार है:-
आम बजट में आयकर हेतु सुझाव
नगद लेन-देन की सीमा दस हजार से अधिक होनी चाहिए। हाऊसिंग लोन मे ब्याज की छूट 2,00,000 रूपये छूट है उसे बढाकर 4 लाख किया जाना चाहिए। टी.डी.एस. काटने के लिए बैंक के ब्याज मे 10,000/- रूपये तक तथा अन्य ब्याज पर 5,000/- रूपये तक के ब्याज की छूट है।
इस लिमिट को बढाकर 30,000/- कर दिया जाना न्यायसंगत होगा। इसमे बचत खाते के साथ ही एफ. डी. आर. खातो के ब्याज को भी सम्मिलित करना उचित होगा। खरीदी बिक्री में टीडीएस/टीसीएस जो लग रहा है वह युक्ति संगत नहीं उसमें सुधार होना चाहिए। आयकर की छूट 5 लाख तक होनी चाहिए।
धारा 80 डी :- जो मेडिक्लेम इंश्योंरेंस से संबधित है। चूंकि वर्तमान में मेडिकल इलाज महंगे हो गये है अत: इसकी सीमा 25,000/- को बढाकर कम से कम 50,000/- की महती जररूत है।
जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव
इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर -2बी में परिलक्षित होनें पर ही मान्य होने संबंधी प्रावधानों को निरस्त किया जाए । यदि विक्रेता द्वारा रिटर्न प्रस्तुत करने एवं टैक्स भुगतान करने में त्रुटि या विलंब किया जाता है। तो इस हेतु विक्रेता पर कार्यवाही की जानी चाहिए न कि क्रेता का इनपुट टैक्स क्रेडिट अमान्य किया जाना चाहिए। इनपुट टैक्स क्रेडिट संबंधी अन्य समस्याओं का भी समाधान किया जाए।
जीएसटी प्रणाली में ब्याज की गणना के प्रावधान में परिवर्तन किया जाना चाहिए एवं ब्याज की गणना टैक्स भुगतान की तिथि के आधार पर की जानी चाहिए न की रिटर्न प्रस्तुत करने की तिथि के आधार पर। संबधित प्रावधानो से ऐसे व्यापारियों को छुट प्रदान की जानी चाहिए जो भुगतान किये गये क्रष्टरू का इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने हेतु पात्र हो।