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SHADAB RIZVI
-प्रशांत पांडेय
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में अभियुक्त आशीष मिश्र उर्फ़ मोनू आज (शुक्रवार को) ज़मानत पर जेल से रिहा हो गए. वो क़रीब नौ महीने से जेल में बंद थे.
देर शाम तीन- तीन लाख रुपये के दो ज़मानतदारों के सत्यापन के बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया. आशीष मिश्र केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे हैं.
जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्र के मुताबिक़, "सेशन कोर्ट से ज़मानत के काग़ज़ात आने के बाद आशीष को जेल मैनुअल के मुताबिक़ रिहा किया गया."
आशीष मिश्र को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ज़मानत मिली है. रिहाई के बाद आशीष तेज़ क़दमों से चलते हुए जेल के पीछे पहुंचे. उन्होंने नीला कोट पहना हुआ था. उनके साथियों ने जेल के पीछे कार खड़ी की हुई थी. वो उसी में सवार होकर चले गए.
क्या है मामला?
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर 2021 को प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों पर गाड़ी चढ़ा दी गई थी. इस घटना में चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी.
इस मामले में आशीष और 13 अन्य लोग अभियुक्त हैं. एसआईटी ने जाँच के बाद आशीष समेत 14 लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल की थी.
आशीष और बाक़ी अभियुक्त तभी से ज़िला जेल में बंद थे.आशीष को बीच में हाईकोर्ट से ज़मानत मिली थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया.
अब सुप्रीम कोर्ट ने ही आशीष को आठ सप्ताह की सशर्त अंतरिम ज़मानत दी है. अभी बाक़ी 12 अभियुक्त लखीमपुर ज़िला जेल में ही हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने काउंटर केस में बंद चार अभियुक्तों को भी ज़मानत दी है. (bbc.com/hindi)