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नई दिल्ली, 28 जनवरी । अमेरिका के हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अदानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. लेकिन अदानी समूह के शेयरों में इस गिरावट से एलआईसी को ज़बरदस्त झटका लगा है.
'इंडियन एक्सप्रेस' ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस रिपोर्ट की वजह से अदानी समूह की बाज़ार पूंजी (मार्केट कैपिटलाइज़ेशन) में शुक्रवार को एक ही दिन में 3.37 लाख करोड़ रुपये की भारी गिरावट आ गई है.
लेकिन इसका खमियाज़ा जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी को भुगतना पड़ा. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी को इस वजह से 16,627 करोड़ रुपये गंवाने पड़े. अदानी ग्रुप की सबसे बड़ी पांच कंपनियों में एलआईसी सबसे बड़ी घरेलू (नॉन-प्रमोटर) निवेशक है.
अख़बार ने लिखा है कि महज़ दो दिनों में अदानी समूह की कंपनियों में एलआईसी के निवेश का मूल्य 22 फ़ीसदी गिर गया. शुक्रवार को इसका मूल्य 72,193 करोड़ रुपये था लेकिन मंगलवार को (शनिवार और रविवार को शेयर बाज़ार में कारोबार बंद रहता है) ये घट कर 55,565 करोड़ रुपये पर आ गई.
इसके साथ ही शुक्रवार को एलआईसी की शेयरों में 3.5 फीसदी की गिरावट आई. दो दिन में इसके शेयर 5.3 फीसदी गिर गए.
इकोनॉमिक टाइम्स पर छपी एक ख़बर के अनुसार अपनी 106 पन्नों की रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने अदानी पर 'कार्पोरेट दुनिया की सबसे बड़ी धोखाधड़ी' का आरोप लगाया है. ये आरोप ऐसे समय आया है जब अदानी ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी अदानी इंटप्राइज़ेज़ का एफ़पीओ लांच होने वाला था. शुक्रवार को पहले दिन इसका एफ़पीओ सिर्फ एक फ़ीसदी सब्सक्राइब हुआ.
रिपोर्ट ने मॉरीशस और कैरिबियाई द्वीपों जैसे विदेशी टैक्स हैवेन में मौजूद कंपनियों पर अदानी ग्रुप की मिल्कियत पर सवाल खड़ा किया है.
इस रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि अदानी की कंपनियों पर पर्याप्त क़र्ज़ है जो पूरे ग्रुप को 'वित्तीय तौर पर बहुत जोख़िम वाली स्थिति' में डालता है.
इससे पहले गुरुवार को, अदानी ग्रुप ने कहा था कि वो हिंडनबर्ग रिसर्च के ख़िलाफ़ भारत और अमेरिका में 'सुधारात्मक और दंडात्मक' कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है.
अदानी का कहना था कि वो हमेशा से ही 'क़ानूनों का पालन' करते रहे थे.
अदानी की क़ानूनी सलाहकार टीम के प्रमुख जतिन जालुंधवाला ने कहा, "रिपोर्ट ने भारतीय शेयर बाज़ार में जो उतार-चढ़ाव पैदा किया है, वो बहुत चिंताजनक है और भारतीय नागरिकों के लिए अनचाही परेशानी का सबब बना है."
उन्होंने कहा, "साफ़ है कि ये रिपोर्ट और इसके अप्रमाणित तथ्य इस तरह पेश किए गए कि इसका अदानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की क़ीमत पर बुरा असर पड़े क्योंकि हिंडनबर्ग रिसर्च ने खुद ये माना है कि अदानी के शेयरों के गिरने से उसको फ़ायदा पहुंचेगा."
हिंडनबर्ग 'शॉर्ट सेलिंग' की स्पेशलिस्ट है यानी वो ऐसी कंपनियों के शेयर में सट्टा लगाती है जिनके भाव गिरने की अपेक्षा हो.
अदानी ग्रुप भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है और उसका कारोबार कमोडिटी ट्रेडिंग, एयरपोर्ट, यूटिलिटी और रिन्यूबल एनर्जी समेत कई क्षेत्रों में फैला है.
दुनिया के अरबपतियों की फ़ोर्ब्स मैग्ज़ीन की रीयल टाइम लिस्ट के मुताबिक़, शेयर के मूल्यों में आई गिरावट के बाद शनिवार को अदानी ग्रुप के मालिक गौतम अदानी 7वें नंबर पर रहे. (bbc.com/hindi)