ताजा खबर
नई दिल्ली, 28 जनवरी । पिछले दिनों चीन के राष्ट्रपति शी ज़िनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए भारत-चीन सीमा पर डटे चीनी सैनिकों से मुलाकात की थी. इसके बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेना में तनातनी के बीच अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
'हिन्दुस्तान टाइम्स' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ अमेरिकी विदेश विभाग की एक नियमित प्रेस ब्रिफिंग के दौरान हिन्दुस्तान टाइम्स के संवाददाता की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में डिप्टी प्रेस प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा अमेरिका हालात पर बारीक निगाह बनाए हुए है.
पटेल कहा, "हम हमले के ज़रिये किसी जमीन पर दावे की एकतरफा कोशिशों का विरोध करते हैं. अमेरिका सैन्य या असैन्य तरीक़े से सीमा पार किसी स्थापित वास्तविक नियंत्रण में बदलाव का विरोध करता है."
पटेल ने कहा कि अमेरिका मौजूदा द्विपक्षीय चैनलों के जरिये भारत और चीन के बीच विवादित सीमाओं के मसले को सुलझाने की कोशिशों को प्रोत्साहित करता है.
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और उनके अमेरिकी समकक्ष जैक सुलिवन के बीच अगले सप्ताह क्रिटिकल और इमर्जिंग टेक्नोलॉजी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी है.
अख़बार लिखता है कि इस बैठक से पहले अमेरिका की भारत-चीन सीमा पर तनाव पर आए इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत के साथ टेक्नोलॉजी सहयोग को अहम माना है. हालांकि दोनों के बीच ये टेक्नोलॉजी ट्रांसफ़र विवादास्पद मुद्दा रहा है. (bbc.com/hindi)