ताजा खबर

बीबीसी डॉक्यूमेंट्रीः विरोध के बाद भी मुंबई के TISS में हुई स्क्रीनिंग
29-Jan-2023 8:41 AM
बीबीसी डॉक्यूमेंट्रीः विरोध के बाद भी मुंबई के TISS में हुई स्क्रीनिंग

BBC

मुंबई में शनिवार को प्रतिष्ठित संस्थान टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज़ (TISS) में छात्रों के एक समूह ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की.

शाम क़रीब 7 बजे स्टूडेंट्स ने अपने लैपटॉप और फ़ोन पर ये डॉक्यूमेंट्री देखी.

स्क्रीनिंग की सूचना मिलने पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया लेकिन छात्र संगठनों ने इसके बावजूद डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग जारी रखी.

बीजेपी युवा मोर्चा ने TISS में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री दिखाने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी किया. संस्थान की ओर से भी स्क्रीनिंग न करने का नोटिस जारी किया गया था.

इस बारे में बात करते हुए बीजेपी के मुंबई प्रेसीडेंट आशीश शेलार ने कहा, "बीबीसी की बोगस डॉक्यूमेंट्री के मार्फत गुमराह किया जा रहा है और ग़लत जानकारी दी जा रही है. भारत सरकार ने भी इसपर कार्रवाई की है."

हालांकि पुलिस प्रशासन और बीजेपी मुंबई TISS में 'इंडियाः द मोदी क्वेश्चन' डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने से स्टूडेंट्स को रोक नहीं सके.

पिछले दिनों भारत के कई विश्वविद्यालयों में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को ब्लॉक कर दिया गया था.

दिल्ली के जेएनयू में इसकी भारी हंगामे के बीच स्क्रीनिंग हुई लेकिन जामिया में छात्रों को स्क्रीनिंग से रोक दिया गया. एक दिन पहले ही दिल्ली विश्वविद्यालय में इसकी स्क्रीनिंग को लेकर भारी हंगामा हुआ.

बीबीसी ने दो-एपिसोड की डॉक्यूमेंट्री तैयार की है. इसका पहला एपिसोड 17 जनवरी को ब्रिटेन में प्रसारित हुआ. इसका अगला एपिसोड 24 जनवरी को प्रसारित किया गया.

पहले भाग में मोदी के शुरुआती राजनीतिक करियर को दिखाया गया है.

इसी कड़ी में वे भारतीय जनता पार्टी में कैसे आगे बढ़े और मुख्यमंत्री पद तक कैसे पहुंचे, इसकी कहानी ली गई है. यह वृत्तचित्र एक अप्रकाशित रिपोर्ट पर आधारित है. यह रिपोर्ट बीबीसी को ब्रिटिश विदेश कार्यालय से मिली है.

इस डॉक्यूमेंट्री में 2002 में गुजरात में हुई हिंसा में कम से कम 2000 लोगों की मौत पर सवाल उठाए गए हैं, जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे. ब्रिटिश विदेश कार्यालय ने दावा किया है कि 2002 में हिंसा का माहौल बनाने के लिए मोदी जिम्मेदार थे.

उन्होंने हमेशा हिंसा के लिए जिम्मेदार होने के आरोप से इनकार किया है. लेकिन ब्रिटिश विदेश कार्यालय के लिए रिपोर्ट लिखने वाले ब्रिटिश राजदूत ने बीबीसी से बात की और कहा कि वह अपने निष्कर्ष पर कायम हैं.

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने पहले मोदी को गुजरात हिंसा में शामिल होने के आरोपों से बरी कर दिया था.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए सरकार की ओर से इस डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिक्रिया दी. "मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह एक प्रचार टुकड़ा है,"

उन्होंने कहा. इस डॉक्यूमेंट्री का मकसद एक ऐसी स्थिति को पेश करना है, जिसे लोग पहले ही खारिज कर चुके हैं."

सरकार से जुड़े कई लोगों ने कहा है कि डॉक्यूमेंट्री दुष्प्रचार और औपनिवेशिक मानसिकता से आई है.

हालांकि, बीबीसी ने स्पष्ट किया है कि यह डॉक्यूमेंट्री सभी संपादकीय नीतियों और तथ्यों के आधार पर बनाई गई है. (bbc.com/hindi)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news