राष्ट्रीय
अमेरिकी रिसर्च ग्रुप हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर अडानी समूह ने जवाब दिया है. समूह ने कहा है कि तथ्यों को गलत तरीके से रखा गया है.अब हिंडनबर्ग ने अडानी समूह द्वारा दिए गए जवाब पर पलटवार किया है.
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अमेरिकी फॉरेंसिक फाइनेंशल रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा भारतीय उद्योगपति अडानी समूह पर लगाए गंभीर आरोपों पर अडानी समूह ने जवाब देते हुए कहा है कि यह "भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला है." समहू ने रविवार को 413 पन्नों का जवाब जारी करते हुए कहा कि आरोप "झूठ के सिवाय कुछ नहीं है." अडानी समूह ने कहा हिंडनबर्ग की रिपोर्ट "मिथ्या धारणा बनाने" की छिपी हुई मंशा से प्रेरित है ताकि अमेरिकी कंपनी को वित्तीय लाभ मिल सके.
अडानी समूह का जवाब
अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर जवाब देते हुए कहा कि यह रिपोर्ट निहित उद्देश्यों से जारी की गई और इसमें निराधार भ्रम फैलाया गया. अपने जवाब में अडानी समूह ने कहा कि यह रिपोर्ट उसके शेयरधारकों और सार्वजनिक निवेश की लागत पर मुनाफा कमाने के लिए तैयार की गई है और यह पूरी तरह से अस्पष्ट है.
अडानी समूह ने अपने जवाब के साथ प्रासंगकि दस्तावेज और संदर्भ भी पेश किए हैं. समूह की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड कंपनी के एफपीओ यानी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर के समय विवाद उत्पन्न करने वाली हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट के विस्तृत जवाब के संबंध में जारी बयान में अडानी समूह ने कहा अमेरिकी कंपनी ने उसके संबंध में अपनी रिपोर्ट भारत की न्यायपालिका और नियामकीय व्यवस्था को अपनी सुविधा के अनुसार नजरअंदाज किया है.
अडानी समूह ने जवाब में अपनी कंपनियों में अपनाए जाने वाले संचालन के आदर्शों, प्रतिष्ठा, साख और पारदर्शी व्यवहार और वित्तीय परिचालन के परिणामों और उत्कृष्टता का जिक्र किया है. अडानी समूह ने कहा है कि यह रिपोर्ट न तो स्वतंत्र है और न ही तथ्यपरक है. इसे केवल एक तिकड़मभरा दस्तावेज कहा जा सकता है.
सवालों को गलत तरीके से पेश किया-अडानी समूह
अडानी समूह ने कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में 88 सवाल उठाए गए थे जिसमें से 68 के बारे में समूह की कंपनियां ने अपनी वार्षिक रिपोर्टों, पेशकश के प्रस्तावों, वित्तीय विवरणों और शेयर बाजार को दी गई जानकारियों में विवरण पहले ही प्रकाशित कर रखा है. बाकी 20 में से 16 सवाल सार्वजनिक शेयरधारकों और उनके धन के स्रोत के बारे में हैं. इनके अलावा बाकी चार सवाल निराधार आरोप के अलावा कुछ नहीं हैं.
अडानी समूह ने कहा है कि हिंडनबर्ग ने यह सवाल इसलिए पैदा किए कि ताकि वह अपने लक्षित व्यक्तियों का ध्यान भटका सके और अडानी समूह की प्रतिभूतियों के कारोबार में निवेशकों की लागत पर अपनी शार्ट पॉजीशन का फायदा उठा सके.
अडानी समूह ने कहा है कि अमेरिकी कंपनी यह दावा करती है कि उसने इस रिपोर्ट के लिए दो साल जांच की और कई सबूत इकठ्ठा किए लेकिन उसका यह दावा केवल सार्वजनिक सूचनाओं की चुनिंदा और अपूर्ण हिस्सों के संकलन के अलावा कुछ भी नहीं.
अडानी समूह ने कहा है कि यह रिपोर्ट उसकी प्रतिष्ठा और उसके प्रति विश्वास पर हमला है और यह जिस तरह उसके एफपीओ के समय जारी की गई है वह भारतीय और विदेशी निवेशकों के संबंध में भ्रम और आशंका पैदा करने के लिए लाई गई है और वह इस पर गंभीर आपत्ति करते हैं.
पिछले हफ्ते हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी समूह को भारी नुकसान हुआ है. समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी.
धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद से ढका नहीं जा सकता-हिंडनबर्ग
हिंडनबर्ग ने अडानी समूह द्वारा जारी 413 के पन्नों के जवाब में अपनी प्रतिक्रिया दी है. अडानी समूह की प्रतिक्रिया पर टिप्पणी करते हुए हिंडनबर्ग रिसर्च ने सोमवार को कहा कि उसका मानना है कि भारत एक जीवंत लोकतंत्र और उभरती महाशक्ति है. हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के इस आरोप को खारिज कर दिया है कि उसकी रिपोर्ट भारत पर एक हमला थी. हिंडनबर्ग ने कहा कि धोखाधड़ी को "राष्ट्रवाद" से ढका नहीं जा सकता.
हिंडनबर्ग ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "हम यह भी मानते हैं कि अडानी समूह द्वारा भारत के भविष्य को रोका जा रहा है, जिसने व्यवस्थित रूप से देश को लूटते हुए खुद को भारतीय ध्वज में लपेट लिया है."
उसने आगे कहा, " हम यह भी मानते हैं कि धोखाधड़ी धोखाधड़ी है, भले ही यह दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक द्वारा किया गया हो."
भारत पर हमले के आरोपों पर हिंडनबर्ग ने कहा, "अडानी समूह ने असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करते हुए इस मामले को राष्ट्रवादी रंग देने की कोशिश की है और हमारी रिपोर्ट को 'भारत पर एक सोचा-समझा हमला बताया' है."
हिंडनबर्ग ने आगे कहा, "अडानी समूह ने अपनी और अपने अध्यक्ष गौतम अडानी की संपत्ति में भारी वृद्धि को भारत की सफलता के साथ जोड़ने की कोशिश की है."
सोमवार को भारतीय शेयर बाजार खुलने पर अडानी समूह के शेयरों में शुरुआती कारोबार में मिला-जुला रुख देखने को मिला. अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड का शेयर 10 फीसदी चढ़ गया जबकि समूह की कई अन्य कंपनियों के शेयरों में नुकसान था. सोमवार को अडानी समूह की चार कंपनियां पॉजिटिव दायरे में कारोबार कर रही थीं. वहीं पांच अन्य कंपनियों के शेयर नुकसान में थे. (dw.com)