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इंटरनेशनल मॉनिटरी फ़ंड (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने वैश्विक आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाते हुए कहा है कि दुनिया मंहगाई के पीक को पार कर चुकी है. हालांकि संस्था ने कहा है कि आने वाले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर थोड़ी पिछड़ेगी.
अपने वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक में आईएमएफ़ ने कहा है कि चीन के अपनी कोविड ज़ीरो पॉलिसी छोड़ने के क़दम ने जल्द रिकवरी का रास्ता तैयार किया है. वैश्विक आर्थिक विकास दर अब 2.9%होने का अनुमान है.
बीते साल आईएमएफ़ ने चेताया था कि अर्थव्यवस्था का बेहद बुरा दौर आना अभी बाक़ी है.
आईएमएफ़ ने आने वाले वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि को लेकर अपना अनुमान घटाया है. आने वाले वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 6.1 प्रतिशत रह सकती है. वहीं 31 मार्च को पूरे होने वाले चालू वित्त वर्ष के के लिए यह अनुमान 6.8 प्रतिशत लगाया गया था.
आईएमएफ़ के वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक अपडेट में कहा गया है, “भारत में विकास इस साल थोड़ा कम होगा. इस साल ये दर 6.1 हो सकती है, जो 2022 में 6.8 प्रतिशत थी. हालांकि 2024 में भारत की आर्थिक विकास दर फिर रफ़्तार पकड़ेगी और अगले साल ये 6.8 फ़ीसदी रह सकती है.”
हालांकि आईएमएफ़ ने सभी देशों के केंद्रीय बैंकों से ये अपील की है कि वह मंहगाई से लड़ने लिए अपनी मज़बूत नीतियों पर टिके रहें क्योंकि ये लड़ाई अभी पूरी तरह नहीं जीती गई है.
आईएमएफ़ का अनुमान कहता है कि ब्रिटेन अकेली ऐसी बड़ी जी-7 अर्थव्यवस्था है जो साल 2023 में घटेगी. (bbc.com/hindi)