ताजा खबर

मुंबई, 31 जनवरी। दिल्ली में जनवरी 2020 में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों पर हमले के विरोध में गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन में शामिल 36 लोगों के खिलाफ मामला वापस लेने की मुंबई पुलिस की याचिका को यहां की एक अदालत ने मंजूरी दे दी है।
याचिका में पुलिस ने कहा है कि आरोपियों ने ‘‘निजी हित या लाभ’’ के बिना यह कथित कृत्य किया था। एस्प्लेनेड अदालत के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एस.वी. डिंडोकर ने इस महीने की शुरुआत में मामला वापस लेने के लिए आवेदन को मंजूरी दी थी।
आदेश सोमवार को उपलब्ध हुआ। अतिरिक्त लोक अभियोजक गौतम गायकवाड़ के माध्यम से दायर याचिका में पुलिस ने दलील दी है कि आरोपी व्यक्तियों ने ‘‘बिना किसी निजी हित या लाभ’’ के प्रदर्शन के तहत कथित कार्रवाई की।
पुलिस ने कहा, ‘‘इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ और सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।’’
याचिका पर गौर करते हुए अदालत ने आरोपों एवं मामले के तथ्यों को देखने के बाद कहा कि ‘‘कथित कृत्य सामाजिक एवं राजनीतिक प्रकृति’’ के हैं और अभियोजन पक्ष मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहता है तथा उसने मामले को वापस लेने का फैसला किया है।
अदालत ने कहा कि आवेदन को मंजूरी दी जाती है और मामला वापस लिए जाने के कारण इसे खारिज किया जाता है।
दिल्ली जनवरी 2020 में जेएनयू में हिंसा के विरोध में मुंबई के विभिन्न कॉलेज के छात्र गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन में शामिल हुए थे।
मामले की जांच कर रही कोलाबा पुलिस ने दिसंबर 2020 में 36 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
अधिकारियों ने बताया कि अपराध शाखा ने घटना की जांच के लिए दो दल गठित किए हैं। जांच के दौरान उसने आरोपी से एक नौ एमएम की पिस्तौल (सरकारी हथियार), तीन कारतूस और एक मोबाइल हैंडसेट बरामद किया है।
ऐसा माना जा रहा है कि आरोपी एएसआई मानसिक विकार से पीड़ित है।
उन्होंने बताया कि बीजू जनता दल (बीजद) के दिवंगत नेता के विसरा नमूने सुरक्षित रख लिए गए हैं। (भाषा)