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भुवनेश्वर, 31 जनवरी। ओडिशा सरकार ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि वह राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की हत्या मामले में पुलिस की अपराध शाखा द्वारा की जा रही जांच की निगरानी करे।
ओडिशा सरकार ने सोमवार रात को यह कदम तब उठाया जब विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दास के हत्या मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने तथा कांग्रेस ने न्यायिक जांच कराने की मांग की।
गौरतलब है कि ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (एएसआई) ने रविवार को दास को कथित तौर पर गोली मार दी थी।
कांग्रेस सांसद संतोष सिंह सलूजा ने कहा, ‘‘राज्य पुलिस ऐसे मामले की जांच कैसे कर सकती है जिसमें उसका ही एक सदस्य इकलौता आरोपी है।’’
भाजपा ने भी यही सवाल उठाया और सीबीआई जांच की मांग की।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अगुवाई वाले गृह विभाग ने उच्च न्यायालय के पंजीयक को एक पत्र लिखकर कहा कि मंत्री की हत्या मामले की निगरानी उच्च न्यायालय के मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश या जिला न्यायाधीश कर सकते हैं।
गृह विभाग ने इसे नाजुक मामला बताते हुए कहा कि उच्च न्यायालय को जांच की निगरानी करनी चाहिए क्योंकि इसमें उच्च स्तर की पारदर्शिता की आवश्यकता है।
इस बीच, ओडिशा पुलिस ने आरोपी पुलिसकर्मी गोपाल दास को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। उसे अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है।
अपराध शाखा के अतिरिक्त महानिदेशक अरुण बोथरा ने कहा कि आरोपी गोपाल दास ने जुर्म कबूल कर लिया हे। आरोपी को झारसुगुड़ा के एसडीजेएम की अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। (भाषा)