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नयी दिल्ली, 31 जनवरी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि भारत ने आतंकवाद को लेकर जो कड़ा रुख अपनाया, उसे दुनिया भी समझ रही है और इस समस्या के विरुद्ध देश की आवाज़ को हर मंच पर गंभीरता से सुना जा रहा है।
राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए अपने पारंपरिक अभिभाषण में यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने आतंकवाद को लेकर जो कड़ा रुख अपनाया है, उसको भी आज दुनिया समझ रही है। इसलिए आतंकवाद के विरुद्ध भारत की आवाज़ को हर मंच पर गंभीरता से सुना जा रहा है।’’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पिछले वर्ष अक्टूबर में भारत में पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति की एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इसमें भी भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध अपनी भूमिका को स्पष्ट किया। साइबर सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को भी सरकार गंभीरता से पूरे विश्व के सामने रख रही है।’’
उन्होंने कहा कि भारत सरकार का स्पष्ट मानना है कि स्थायी शांति तभी संभव है, जब हम राजनीतिक और रणनीतिक रूप से सशक्त होंगे। इसलिए देश अपनी सैन्य शक्ति के आधुनिकीकरण पर निरंतर बल दे रहा है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘सरकार ने देशहित को सदैव सर्वोपरि रखा, नीति-रणनीति में संपूर्ण परिवर्तन की इच्छाशक्ति दिखाई। सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रहार तक, नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक हर दुस्साहस के कड़े जवाब तक... सरकार की पहचान एक निर्णायक सरकार की रही है।’’ (भाषा)