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पुलिस पिता पर ही लगा रही गायब करने का आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 जनवरी। सामूहिक दुष्कर्म की शिकार रायपुर की एक नाबालिग का बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पास से अपहरण कर लिया गया। 7 माह से पुलिस उसे ढूंढने के बजाय पीडि़ता के पिता पर भी षड्यंत्र का आरोप लगा रही है। आईजी से इसकी शिकायत की गई है। पुलिस एफ आई आर के मुताबिक बोरियाकला रायपुर के एक सब्जी विक्रेता की नाबालिग लडक़ी के साथ जावेद अख्तर और रहमान अली नाम के 2 बदमाशों ने सन् 2021 में बलात्कार किया था।
रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने बाद में हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका लगाई। हाईकोर्ट मैं बयान दर्ज करने के लिए 28 जुलाई 2022 की तारीख तय की गई थी। 27 जुलाई को बिलासपुर स्टेशन में उतरने के बाद रात में पिता अपनी बेटी को लेकर स्टेशन के बाहर तोरवा इलाके में रुका हुआ था। सुबह होने पर उसने देखा कि बच्ची अपनी जगह से गायब है।
इधर-उधर तलाश करने के बाद जब वह नहीं मिली तो उसने तोरवा थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अपहरण के बजाय सिर्फ गुम इंसान का मामला दर्ज किया। शिकायत के बावजूद उसने कोई खोजबीन नहीं की और 7 महीने से मामला ठंडे बस्ते में है। पीडि़त बच्ची के परिजनों से इस मामले की जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला को मिली तो उन्होंने तोरवा थाने के प्रभारी उत्तम साहू से बात की।
थाना प्रभारी ने गैर जिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा कि मुआवजा पाने के लालच में पिता ने खुद ही बच्ची को गायब कर दिया होगा। इसके बाद पीडि़त बच्ची का पिता मीडिया के सामने आया और उसने पूरी घटना विस्तार से बताई। अधिवक्ता शुक्ला ने बच्ची के पिता के साथ आईजी से मुलाकात कर पुलिस के बर्ताव की शिकायत की और नाबालिग रेप पीडि़ता की तलाश की मांग की। आईजी ने उन्हें कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया है।