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राजीव भूमिहीन-खेतिहर न्याय योजना के विस्तार की तैयारी
विशेष रिपोर्ट
रायपुर, 31 जनवरी (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। सरकार राजीव गांधी भूमिहीन खेतिहर न्याय योजना का विस्तार करने जा रही है। इस कड़ी में नगर पंचायतों को भी योजना में शामिल किया जाएगा। इससे हितग्राहियों की संख्या बढक़र 8 लाख से अधिक होने का अनुमान है। हितग्राहियों को हर साल 6 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
भूपेश सरकार ने जुलाई 2021 को इस योजना की शुरूआत की थी। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में पंजीकृत मजदूर जिनके पास कृषि भूमि नहीं है, उन्हें तीन किश्तों में 6 हजार रूपए देने की घोषणा की गई थी। इसके लिए आवेदन बुलाए गए थे, और 4 लाख 11 हजार में से 3 लाख 55 हजार भूमिहीन परिवारों को योजना के लिए पात्र पाया गया।
योजना में भूमिहीन मजदूर के अलावा नाई, लोहार, पुजारी, वन संग्राहक, और चरवाहे को भी शामिल किया गया। यह राशि हितग्राहियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती रही है। सूत्र बताते हैं कि सरकार ने चुनावी साल में योजना का विस्तार करने का मन बनाया है। इसमें अब नगर पंचायतों को भी शामिल किया जाएगा। प्रदेश में कुल 111 नगर पंचायत हैं, जिनकी आबादी 5 हजार से अधिक है।
बताया गया कि ये नगर पंचायत पहले ग्राम पंचायत थी बाद में आबादी बढऩे के बाद नगर पंचायत बना दिया गया। मगर इन नगर पंचायतों का स्वरूप ग्रामीण ही हैं, और यहां के ज्यादातर लोग खेती पर ही निर्भर हैं। लेकिन यहां के भूमिहीन लोगों को भूमिहीन न्याय योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
पाटन, धमधा, साजा, नरहरपुर जैसे इलाके हैं जहां खेती तो होती है, लेकिन खेतिहर मजदूर लाभ से वंचित हैं। उन्हें सरकार नए वित्तीय वर्ष से योजना के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए बजट में प्रावधान किया जाएगा। इससे पात्र हितग्राहियों की संख्या 8 लाख से अधिक हो सकती है। इस पूरी योजना में सालाना करीब 5 सौ करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसकी घोषणा सीएम राज्य के सालाना बजट में कर सकते हैं। चुनावी साल में इस कदम से सरकार को बड़े फायदे की उम्मीद है।