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अदानी समूह के एफ़पीओ वापस लेने के बाद बोरिस जॉनसन के भाई ने क्यों दिया इस्तीफ़ा?
03-Feb-2023 8:48 AM
अदानी समूह के एफ़पीओ वापस लेने के बाद बोरिस जॉनसन के भाई ने क्यों दिया इस्तीफ़ा?

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के छोटे भाई लॉर्ड जो जॉनसन ने अदानी एंटरप्राइज़ेज़ से जुड़ी एक निवेश फ़र्म के ग़ैर-कार्यकारी निदेशक के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.

उनका यह इस्तीफ़ा अदानी एंटरप्राइज़ेज़ द्वारा फ़ॉलोऑन पब्लिक ऑफ़र (एफ़पीओ) वापस ले लेने के बाद आया है.

ब्रिटेन के अख़बार द फ़ाइनेंशियल टाइम्स ने यूके कंपनीज़ हाउस के रिकॉर्डों का हवाला देते हुए ​बताया है कि लॉर्ड जो जॉनसन ने बुधवार को ब्रिटेन की एलारा कैपिटल के एक डायरेक्टर के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.

उन्होंने अपना इस्तीफ़ा उसी दिन दिया जिस दिन अदानी एंटरप्राइज़ेज़ ने पूरी तरह सब्सक्राइब हो जाने के बावजूद अपना एफ़पीओ वापस ले लिया था.

द फ़ाइनेंशियल टाइम्स का कहना है कि जॉनसन ने पिछले साल जून में यह निवेश फ़र्म (एलारा कैपिटल) ज्वाइन की थी. राज भट्ट कंपनी के मुख्य कार्यकारी और संस्थापक हैं.

यह कंपनी अपने बारे में बताती है कि वह भारतीय कंपनियों के लिए बाज़ार से धन जुटाती है. इसने अदानी एंटरप्राइज़ेज़ के एफ़पीओ के लिए भी धन जुटाने का काम किया था.

जॉनसन ने ज़ोर दिया था कि वो कंपनी की 'बेहतर दशा' को लेकर आश्वस्त हैं. बताया गया है कि उन्होंने 'डोमेन की विशेषज्ञता' की कमी के कारण अपना इस्तीफ़ा दिया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, द फ़ाइनेंशियल टाइम्स में अपने इस्तीफ़े की ख़बर छपने के बाद जॉनसन ने एक बयान जारी कर अपना पक्ष रखा है.

उन्होंने कहा, "ब्रिटेन-भारत के व्यापार और निवेश संबंधों, जिसका मैंने लंबे वक़्त से समर्थन किया है और इस बारे में एक किताब भी लिखी है, को मजबूत करने की आशा से पिछले साल जून में मैं एक स्वतंत्र ग़ैर-कार्यकारी निदेशक की हैसियत से लंदन की भारत-केंद्रित निवेश फ़र्म एलारा कैपिटल के बोर्ड में शामिल हुआ था.''

उनके अनुसार, "मुझे एलारा कैपिटल से लगातार भरोसा मिला कि यह अपनी क़ानूनी ज़िम्मेदारियों के अनुरूप और नियामक संस्थाओं के साथ बेहतर तालमेल बनाए हुए है. अब मैं मानता हूं कि यह ऐसा काम है जिसे करने के लिए फ़ाइनेंशियल रेगुलेशन के क्षेत्र में मेरे पहले के अनुमान से कहीं अधिक विशेषज्ञता की ज़रूरत है. और इसलिए मैंने बोर्ड से इस्तीफ़ा दे दिया है."

अख़बार के अनुसार हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद लंदन स्थित इस फ़र्म के एसेट मैनेजमेंट कारोबार पर लोगों का ध्यान गया है.

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