अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि देश का सत्तारूढ़ गठबंधन चुनाव से डरा हुआ है और देश को तबाही की तरफ़ ले जा रहा है.
उनका कहना है कि देश के भीतर राजनीतिक स्थिरता के बिना हालात ठीक नहीं हो सकते.
उन्होंने जेल भरो आंदोलन शुरू करने की बात की और कहा कि सड़कों पर उतर कर विरोध करने से अच्छा है कि हम खु़द अपनी गिरफ़्तारी दें.
उन्होंने कहा, "मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि जेल भरो आंदोलन की शुरुआत करें. ये सड़कों पर उतरने से बेहतर है. हमें पता है कि हमारी जेल में कितनी जगह है."
इमरान ख़ान ने कहा कि नागरिकों के हक़ों की रक्षा करने में हमारी मौजूदा न्याय व्यवस्था नाकाम रही है.
उन्होंने कहा, सरकार लोगों को गिरफ़्तार कर रही है और उनके ख़िलाफ़ मुक़दमे थोपे जा रहे हैं, ये बेहतर होगा कि हम जेल भरो आंदोलन शुरू करें.
उन्होंने पंजाब और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में असेंबली भंग करने पर भी बात की और कहा कि "दोनों राज्य सरकारों को भंग करने के पीछे राष्ट्रहित था. मैंने देश के संविधान को ध्यान में रखकर असंबलियां भंग की हैं."
उनके अनुसार, अभी तक इस मामले को 18 दिन हो गए हैं, दोनों राज्य के गवर्नरों ने इलेक्शन की तारीख़ नहीं दी है.
उन्होंने कहा, "90 दिन के बाद हर किसी पर आर्टिकल छह लगेगा."
इमरान ख़ान ने कहा, "जो भी यह कोशिश कर रहा है, और हमें पता है कि यह कौन कोशिश कर रहा है. ये इलेक्शन से ख़ौफ़ज़दा हैं."
इमरान ख़ान ने कहा कि पूरा देश तमाशा देख रहा है कि 90 दिन में इलेक्शन हो रहा है या नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यों में प्रभारी सरकारें न्यूट्रल नहीं हैं, बल्कि तहरीक-ए-इंसाफ़ के ख़िलाफ़ हैं. (bbc.com/hindi)