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तीन उच्च न्यायालयों में 13 अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त, कुछ नामों पर अभी निर्णय नहीं
07-Feb-2023 9:54 AM
तीन उच्च न्यायालयों में 13 अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त, कुछ नामों पर अभी निर्णय नहीं

नयी दिल्ली, 7 फरवरी। कुल 11 वकीलों और दो विधि अधिकारियों को सोमवार को इलाहाबाद, कर्नाटक और मद्रास उच्च न्यायालयों में अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।

इनमें से मद्रास उच्च न्यायालय में नियुक्त किए जाने वाले न्यायाधीशों में से एक अधिवक्ता लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी हैं, जिनकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कथित संबद्धता ने विवाद को जन्म दिया था। कुछ वकीलों ने हाल में कॉलेजियम से कहा था कि कथित संबद्धता के कारण गौरी के नाम की सिफारिश को वापस लिया जाए। कुछ अन्य वकीलों ने कड़ी मेहनत और पेशे के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए उन्हें न्यायाधीश नियुक्त किए जाने का समर्थन किया था।

वहीं, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, उच्चतम न्यायालय ने वकील विक्टोरिया गौरी की मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सात फरवरी को सुनवाई करने का फैसला किया।

इससे पहले, शीर्ष अदालत गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर 10 फरवरी को सुनवाई करने पर सहमत हुई थी। हालांकि मामले का फिर से उल्लेख किए जाने पर प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने मंगलवार को इस पर सुनवाई करने का फैसला किया। पीठ ने कहा कि केंद्र को उनके (गौरी के) नाम की सिफारिश किए जाने के बाद कॉलेजियम ने ‘‘कुछ घटनाक्रम’’ पर गौर किया है।

कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने न्यायाधीशों की नियुक्तियों के संबंध में ट्विटर पर घोषणा की और उन्हें शुभकामनाएं दीं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में छह, मद्रास उच्च न्यायालय में पांच और कर्नाटक उच्च न्यायालय में दो अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किए गए हैं।

मद्रास उच्च न्यायालय में नियुक्त अतिरिक्त न्यायाधीशों में से दो न्यायिक अधिकारी हैं। नियुक्त किए गए लोगों के नामों की सिफारिश पिछले महीने उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने की थी। हालांकि कॉलेजियम द्वारा सुझाए गए सात अन्य नामों पर अभी तक कुछ नहीं कहा गया है।

तीन नाम इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लिए, और तीन अन्य मद्रास उच्च न्यायालय के लिए थे। कर्नाटक उच्च न्यायालय के लिए एक नाम की सिफारिश की गई थी। आमतौर पर अतिरिक्त न्यायाधीशों को पहले दो साल के लिए नियुक्त किया जाता है और उसके बाद उन्हें स्थायी न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत किया जाता है। (भाषा)

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