अंतरराष्ट्रीय
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भारत में तुर्की के राजदूत फिरात सुनेल ने सोमवार तड़के अपने देश में आए भूकंप के तगड़े झटकों के कुछ ही घंटों के भीतर भारत द्वारा दी गई मदद की जमकर सराहना की है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि ज़रूरत में मदद करने वाला दोस्त वाक़ई दोस्त होता है. उन्होंने कहा कि 'दोस्त' शब्द तुर्क भाषा में है और कोई दोस्त अपने दूसरे दोस्त की मदद करता है.
उन्होंने कहा है कि भारत उन देशों में शामिल है, जिसने तुर्की में राहत और बचाव दस्ते भेजे. उनके अनुसार, पहले झटके के बाद भारत के पीएम मोदी के निर्देश के बाद एनडीआरएफ़ ने एक समन्वय बैठक बुलाई.
उन्होंने कहा कि वो भारत के गंभीर और उदार मदद की सराहना करते हैं. भूकंप के बाद के 48 से 72 घंटे बहुत अहम हैं और इस दौरान भारतीय टीमें वहां पहुंच गई.
उन्होंने कहा कि शुरुआती घंटों में सबसे ज़्यादा राहत और बचाव टीमों के साथ कुत्तों के प्रशिक्षित दल की ज़रूरत होती है.
उन्होंने बताया कि सोमवार को भारत ने राहत और बचाव कार्य चलाने के लिए उपकरणों के साथ मालवाहक विमान भेजे. आज सुबह में यह अदाना पहुंचा. दूसरा जहाज़ आज शाम से पहले तक वहां पहुंच जाएगा.
उन्होंने बताया कि दक्षिण पूर्वी तुर्की में आए भूकंप के झटकों से 1.4 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. यह बड़ी आपदा है.
इससे अब तक क़रीब 21 हज़ार लोग घायल हुए हैं. क़रीब 6,000 इमारतें ध्वस्त हो गई हैं और तीन एयरपोर्ट क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. (bbc.com/hindi)