विचार / लेख
photo : ani
-अंजलि मिश्रा
सुष्मिता सेन हमारी उमर की एक्टर है ।
मेरी उमर की कई महिलायें जो दिखने में फिट ना दिखे मोटी लगे लेकिन वो सुष्मिता से ज़्यादा फिट है, दिल के मामले में।
आजकल फिट एक्टर को जिस तरह हार्ट अटैक आ रहे है उनकी जीवन शैली, शराब, उमर कम करने के लिए की जाने वाली सर्जरी, स्ट्राइड जैसे कई कारण हो सकते है इसके पीछे।
लम्बी लिस्ट होती जा रही है और सुष्मिता का नाम भी अब इसमें जुड़ गया।
पहले सुनते थे महिलायें दिल की बीमारी की शिकार नहीं होती है क्यूँकि वो दिल खोल लेती है, रो लेती है। आज भी पुरुष हार्ट संबंधी बीमारी के ज्यादा शिकार है।
सिद्धार्थ शुक्ला, रेमो डिसूजा जैसे फिट दिखने वाले लोग सिर्फ फिट दिख रहे थे असल में उनका दिल नहीं फिट नहीं था।
बाजार जिस तरह की फिटनेस दिखा रहा है और जैसा बनाने में सबको लगा है वो असल फि़टनेस नहीं है सर्फ दुबका हो जाना चेहरा और पेट पिचक जाना फिट हो जाना नहीं है।
वरना ये एक्टर फिट ही लगते थे।
सोनाक्षी सिन्हा, हुमा कुरैशी की बॉडी ऐसी है कि वो कितनी दुबली हो जाए बाजारवाद की शिकार दुनिया के हिसाब से मोटी ही कहलायेंगी।
चौड़ी हड्डी वाला बोनी स्ट्रक्चर है उन दोनों का।
ऐसी लड़कियों को लोग नकार देते है अमृता सिंग को कहा गया मर्द फि़ल्म में दो मर्द है।
जैसे टाइटल दिये जाते।
मार्केट ने हर किसी के लिए एक सा फिगर बनवा दिया है और सब वैसा होने में लगे है ।सबकी एक सी बॉडी नहीं होती।
लेकिन दुबका होना कभी भी फिट होना नहीं होता इस कॉन्सेप्ट को भी समझना होगा।
उमर के हिसाब से आप स्वस्थ दिखे।
अगर थोड़ा मोडा पेट भी निकला है तो भी यदि आपके एचडीएल, एलडीएल, ट्राई गिल्सराइड आदि का लेवल ठीक है तो आप ठीक है।
हालाँकि अब हार्ट अटैक के लिए सिर्फ इतनी चीजों को नहीं और भी कई रेशियो को डॉक्टर चेक करते है।
लेकिन जो एक्टर फिट दिख रहे है वो असल में फिट भी है क्या ?
उनको देख पगलाना बंद कीजिए।
खुद की फिटनेस और एक्सरसाईज और ब्लड रिपोर्ट पर ध्यान देते रहे।
अब ये बीमारी युवा लोगो की भी बीमारी है सर्फ 40 पार वाले ही अब इसके शिकार नहीं है।
और हाँ दिल खोलिए इस बात की बहुत चिंता मत कीजिए कि वो आपकी बाते चार लोगो को बता देगा। खुद को इस संसार का सबसे महत्वपूर्ण इंसान ना समझिए।
आपके पास इतना खुफिया जानकारी होती नहीं कि इससे आपका परिवार या इमेज तबाह हो जाएगी।
जो आपको जानते है वो आपको जानते है।
जो ऐसी बातो से आपको जज करे अलग कीजिए उनको।
उसने दूसरे को बता दिया वो उसकी प्रॉब्लम है , आपकी नहीं।
वो अच्छा दोस्त नहीं बना।
फिर भी आप लोगो पर भरोसा कीजिए और दिल खोलिए।
दिल में दबा कर ख़ुद को प्रेशर में मत डालिए और दिल में दबाकर ऊपर वो बाते अपने साथ ले जाकर क्या करेंगे?
वहाँ कोई सुनेगा भी नहीं तो यही इसी दुनिया में दोस्तों से दिल खोलिए।
बिखरने का मुझको शौक है बड़ा
समेटेगा मुझको तू बता जरा
पूछिए ईश्वर से।
ईश्वर पर छोडिय़े ख़ुद को (आध्यात्मिक होने को मैं इसलिए पॉजिटिव मानती हूँ क्यूँकि यहाँ दिल लोग खोलते है जो कही नहीं खोल पाते।
मैं बीमारी में ख़ुद को असहाय होने को सबसे बड़ा दुख मानती हूँ।
लोगो से मत सीखिए कैसे जीना है ख़ुद तय कीजिए आप क्या चाहते है?
खुद को खुश कीजिए, जब मौका मिले।