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सोमवार सुबह जब भारत में लोग जग रहे होंगे तो अमेरिका के लॉस एंजिलिस में ऑस्कर पुरस्कारों की घोषणा हो रही होगी.
ऑस्कर में भारत से इस बार ऑरिजिनल सॉन्ग में नाटू-नाटू, डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फ़िल्म में 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' और डॉक्यूमेंट्री फ़ीचर फ़िल्म में 'ऑल दैट ब्रीद्स' है.
इस साल जनवरी में नाटू-नाटू ने भारतीय सिनेमा में उस वक़्त नया इतिहास रच दिया था.
इसने रिहाना, टेलर स्विफ्ट और लेडी गागा जैसे मशहूर कलाकारों को पछाड़कर बेस्ट ओरिजिनल गाने का गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड जीता था.
'ऑल दैट ब्रीद्स' दिल्ली के दो भाइयों की कहानी है, जो 2003 से ही चील को बचाने का काम कर रहे हैं.
डायरेक्टर शौनक सेन की यह डॉक्यूमेंट्री क्लाइमेंट चेंज के ऊपर है.
दिल्ली के वज़ीराबाद में अपने छोटे से फ्लैट में नदीम शहजाद और मोहम्मद सउद घायल पक्षियों का इलाज करते हैं और छत पर ओपन केज बनाया हुआ है.
इन पक्षियों में ज़्यादातर चील हैं, कुछ तो ऐसे हैं जो देख नहीं सकते और वो कई वर्षों से अब उन्हीं के पास हैं.
नदीम शहजाद कहते हैं, "उम्मीद तो है ऑस्कर की. मेरी जिंदगी में जितना मैंने इन पक्षियों को नहीं दिया, उतना इन्होंने मुझे दिया है."
पिछले साल रिंटू थॉमस और सुष्मिता घोष की डॉक्यूमेंट्री 'राइटिंग विद फायर' डॉक्यूमेंट्री फीचर वर्ग में नॉमिनेट हुई थी लेकिन उसे ऑस्कर मिल नहीं पाया.
राइटिंग विद फायर ख़बर लहरिया नाम के एक समाचार सेवा की महिलाओं की असाधारण कहानी सुनाती है.
'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' नेटफ़्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री है.
यह एक हाथी और उसकी देखभाल करने वाले दो लोगों की कहानी है.
इससे पहले 2019 में भारत में बनीं शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री 'पीरियड- द एंड ऑफ सेंटेंस' को ऑस्कर अवॉर्ड मिला था. (bbc.com/hindi)