कारोबार

रायपुर, 14 मार्च। भारतीय रिजर्व बैंक दो दशक से ज्यादा समय से उपभोक्ता संरक्षण के लिए प्रयत्नशील है। इस दिशा में कदम उठाते हुए पहली बार 1995 में बैंकिंग लोकपाल योजना जारी किया गया था। तब से लेकर अबतक समय समय पर विनियमित संस्थाओं के कार्य पद्धति में होते बदलाव को देखते हुए लोकपाल योजना में भी बदलाव किया गया और सन 2021 में इसके पहले लागू तीन अलग अलग लोकपाल योजनाओं को एकीकृत कर वर्तमान स्वरूप में लाया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक का उदेश्य है इस एकीकृत लोकपाल योजना के जरिये विनियमित संस्थाओं द्वारा ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली सेवा में त्रुटि / कमी / अभाव से संबन्धित शिकायत का निवारण अथवा समाधान निशुल्क, निष्पक्ष और त्वरित किया जा सके। क्रक्चढ्ढह्र ( रिजर्व बैंक के लोकपाल) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त अधिकारी होता है।
देश में कुल 20 लोकपाल हैं। शिकायत के प्रसंस्करण की प्रक्रिया में लोकपाल विनियमित संस्था की सेवा में त्रुटि सिद्ध होने की स्थिति में न सिर्फ विवाद के विषय को सुलझाता है और विवाद में निहित राशि ग्राहक को प्राप्त होती है।