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इस्लामाबाद, 20 मार्च । पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान ख़ान को पंजाब प्रांत की सरकार ने मीनार-ए-पाकिस्तान में रैली करने की इजाज़त दे दी है.
ये रैली 22 मार्च यानी बुधवार को होनी है. रैली को मंज़ूरी ऐसे समय मिली है जब इमरान ख़ान पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है.
इमरान ख़ान पर आरोप है कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने तोशाख़ाना के मंहगे तोहफे अपने फ़ायदे के लिए बेचे थे. इमरान ख़ान इन आरोपों को 'ग़लत और राजनीति से प्रेरित' बताते हैं.
तहरीक-ए-इंसाफ़ चीफ़ इमरान ख़ान ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था कि प्रशासन ने उनसे वादा किया था कि सोमवार को मीनार-ए-पाकिस्तान में रैली की अनुमति देंगे. लेकिन अब ये रैली बुधवार को होगी.
इमरान ख़ान ने ये भी कहा कि ये रैली ये जानने के लिए जनमत संग्रह साबित होगी कि देश के लोग किस तरफ़ खड़े हैं.
इससे पहले शनिवार को इमरान ख़ान के लाहौर के ज़मान पार्क स्थित घर पर पंजाब पुलिस के ऑपरेशन और राजधानी इस्लामाबाद में तोशाख़ाना केस में पेशी के दौरान पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़) के कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प हुई.
इस्लामाबाद की सेशन्स कोर्ट ने शनिवार को पुलिस और इमरान ख़ान समर्थकों के बीच हुई झड़पों के बाद सुनवाई स्थगित कर दी. कोर्ट ने कहा, "इस स्थिति में सुनवाई नहीं हो सकती."
कोर्ट ने इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ जारी गिरफ़्तारी वारंट रद्द कर दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी और इमरान ख़ान को कोर्ट में हाज़िर होना होगा.
बीते सप्ताह ही लाहौर में हुई इमरान ख़ान की बड़ी चुनावी रैली के दौरान इस्लामाबाद पुलिस दो ग़ैर-ज़मानती वारंट लेकर लाहौर पहुंची थी. लाहौर में सरकार ने रैली पर पाबंदी लगाई थी इसके बावजूद इमरान ख़ान की पार्टी के हज़ारों कार्यकर्ताओं ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
इमरान ख़ान और उनके समर्थक चाहते हैं कि पाकिस्तान में तुरंत चुनाव करवाए जाएं. (bbc.com/hindi)