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-सुचित्र मोहंती
ग़ैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम ट्रिब्यूनल (यूएपीए ट्रिब्यूनल) ने मंगलवार को अपने आदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उससे जुड़े संगठनों पर 5 साल का प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा है.
दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में यूएपीए ट्रिब्यूनल ने मंगलवार को यह आदेश पारित किया.
केंद्र सरकार ने पिछले साल 28 सितंबर को अपने आदेश में पीएफ़आई को यूएपीए की धारा 3 के तहत गैरकानूनी घोषित करते हुए उस पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था.
संगठन पर 'गै़रकानूनी गतिविधियों' में शामिल होने का आरोप लगाया गया था 'जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए ख़िलाफ़' हैं.
एस वी राजू, एडिशिनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एक वरिष्ठ वकील और उनकी टीम, मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष केंद्र सरकार के लिए पेश हुए और 5 साल के लिए पीएफआई पर बैन को बनाए रखने के लिए तर्क दिया. (bbc.com/hindi)