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नई दिल्ली, 22 मार्च । भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रवक्ता ने कहा है कि इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस लिस्ट से चोकसी का नाम हटने से इस दलील को 'बल' मिला है कि "भारत ने उन्हें किडनैप करने की कोशिश की थी."
अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू को दिए गए बयान में चोकसी के प्रवक्ता ने ये भी आरोप लगाया कि भारत सरकार ने चोकसी को अवैध रूप से ले जाने की कोशिश की थी और कोर्ट को इस संबंध में कई ठोस सबूत मिल गए हैं.
मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक से 13 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक के गबन का आरोप है.
ये बयान उन ख़बरों के बाद आया है जिनमें दावा किया गया था कि इंटरपोल ने चोकसी का नाम रेड कॉर्नर नोटिस की सूची से हटा दिया है.
चोकसी के प्रवक्ता ने द हिंदू से कहा, "एंटीगा पुलिस की रिपोर्ट और चोकसी की ओर से हाई कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान पेश किए गए सबूत, भारत सरकार की ओर से सुनियोजित अपहरण उत्पीड़न की कोशिश की ओर इशारा करते हैं. अब रेड नोटिस से नाम हटाने के इंटरपोल के फ़ैसले ने इन चिंताओं को और बढ़ाया है."
चोकसी जनवरी 2018 में भारत से भागे थे. चोकसी और उनके रिश्तेदार नीरव मोदी दोनों ही पीएनबी घोटाले में वांछित हैं. भारत से जाने के बाद चोकसी ने एंटीगा में शरण ली और कुछ समय के बाद उन्होंने वहां की नागरिकता ले ली थी.
मई 2021 में चोकसी रहस्यमय तरीके से एंटीगा से लापता हो गए थे. कुछ समय तक डोमिनिका में रहने के बाद वो वापस एंटीगा लौटे. वापस लौटने पर उन्होंने आरोप लगाया कि उनके अपहरण की कोशिश की गई थी.