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हाइब्रिड पर-वेंट्रिकुलर वीएसडी डिवाइस क्लोजर द्वारा एक वर्षीय बच्ची को एनएच एमएमआई ने बचाया
23-Mar-2023 1:23 PM
हाइब्रिड पर-वेंट्रिकुलर वीएसडी डिवाइस क्लोजर द्वारा एक वर्षीय बच्ची को एनएच एमएमआई ने बचाया

रायपुर, 23 मार्च।  गंभीर कुपोषण से ग्रस्त एक वर्ष की छोटी बच्ची का ओडिसा में एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पैशलिटी हॉस्पिटल द्वारा आयोजित एक बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी शिविर में परीक्षण किया गया जिसमें यह पाया गया कि उसका वजन सिर्फ 5 किलोग्राम ही है, जिसमें (14 एमएम) वीएसडी (इसमें दिल के निचले कक्षों के बीच दीवार में एक छेद होता है) जिसके साथ बहुत अधिक पीए प्रेशर (फेफडों में उच्च रक्तचाप) पाया गया।

जाँच और परीक्षण के बाद, बच्ची में गंभीर रूप से कुपोषण और वीएसडी के निदान की पुष्टि हुई और अब वीएसडी को बंद करने की जरूरत थी। लेकिन ओपन हार्ट सर्जरी में जोखिम बोहोत अधिक था और लंबे समय तक अस्पताल में जीवित रखना भी मुश्किल था।

वीएसडी बंद करना एक अच्छा विकल्प था, लेकिन वीएसडी बहुत बड़ा था और इसीलिए उसके अनुसार एक बहुत बड़े उपकरण के साथ उसके डेलेवेरी सिस्टम की आवश्यकता थी। क्योंकि यह बच्ची ज्यादा छोटी थी और वीएसडी अधिक बड़ा था जिसमें परक्यूटेनियस क्लोजर तकनीकी द्वारा प्रक्रिया करना संभव नहीं था।

इसलिए एक नई तकनीक की योजना बनाई गई। हृदय की एक दीवार (राइट वेंट्रिकल फ्री वाल) मे सीधे पंचर करके डिवाइस से बंद कर दिया गया था, फिर उपकरण लगाने के बाद सर्जन द्वारा पंचर को बंद कर दिया गया।

इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूर्ण करने  में 45-50 मिनट लगे। ऑपरेशन के बाद अब बच्ची स्वस्थ है और प्रक्रिया के सातवें दिन ही उसे छुट्टी भी दे दी गई। श्री तपानी घोष (फैसिलिटी डायरेक्टर - एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल) का इस प्रक्रिया को सफलता पूर्वक संपन्न करने में संपूर्ण सहयोग रहा।

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