संपादकीय

‘छत्तीसगढ़’ का संपादकीय : सरकार-अदालत से निराश देश ही इस रफ्तार से घिरता है अंधविश्वास के जाल में
23-Mar-2023 3:44 PM
‘छत्तीसगढ़’ का संपादकीय :  सरकार-अदालत से निराश देश ही इस रफ्तार से घिरता है अंधविश्वास के जाल में

तस्वीर : सोशल मीडिया

उत्तरप्रदेश के कानपुर के किसी करौली सरकार नाम के बाबा की खबरें बताती हैं कि वह आश्रम में पहुंचने वाली एक युवती को कद बढ़ाने की उसकी इच्छा पूरी करने के लिए कोई मंत्र सा पढ़ता है, और कहता है कि छह महीने में उसकी ऊंचाई तीन इंच बढ़ जाएगी। यह वीडियो चारों तरफ फैला हुआ ही है कि इस बीच एक डॉक्टर ने पुलिस में रिपोर्ट लिखाई कि इस बाबा के आश्रम में उससे सवाल पूछने पर बाबा ने अपने गुंडों से उसे पिटवाया। सवालों के जवाब में अपने बाहुबलियों से पिटवाना कोई बहुत अनोखा काम बाबाओं के लिए नहीं है। कहीं वे लोगों की पतलून उतरवाने की धमकी देते हैं, कहीं वे श्राप से भस्म कर देने की धमकी देते हैं, बाबा ने इसे सनातन धर्म को नीचा दिखाने की साजिश करार दिया है। शिकायत करने वाला वकील डॉ. सिद्धार्थ चौधरी है, और नाम से समझ पड़ता है कि वह हिन्दू है। दूसरी तरफ कानपुर के एक वकील ने इस बाबा को चुनौती दी है कि उनके बच्चों की बीमारी बाबा अपने चमत्कारों के दावे से ठीक कर दे तो वह अपनी पूरी दौलत बाबा को दान दे देगा। इन खबरों के बीच ऐसे वीडियो आते जा रहे हैं जिनमें यह बाबा कोई मंतर पढक़र चमत्कार से लोगों की बीमारी ठीक करने का नाटक करते दिखता है। 

अब छत्तीसगढ़ भी मध्यप्रदेश के ऐसे एक-दो बाबाओं का शिकार पिछले महीनों में हो चुका है। और ऐसे पाखंडी चमत्कारी दावे करने वाले लोगों के खिलाफ कानून बने हुए हैं, लेकिन किसी भी पार्टी की सरकार हो वह इनके भक्तों की नाराजगी से बचने के लिए ऐसे दावों की अनदेखी करती है। दूसरी तरफ धर्म का ही चोला पहने हुए बहुत से तथाकथित साधू-संत अभी-अभी छत्तीसगढ़ में बड़ा डेरा डाल गए हैं, और देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग कर गए हैं। इनके साथ भी उसी तरह कांग्रेस के बड़े नेता जुड़े हुए थे जिस तरह डेढ़-दो बरस पहले छत्तीसगढ़ में एक ऐसे ही भगवा आयोजन में गांधी को गंदी गालियां बकी गई थीं, उससे भी कांग्रेस के नेता जुड़े हुए थे। अब पुलिस में रिपोर्ट होने पर कांग्रेस की सरकार कोई कार्रवाई कर दे तो कर दे, कांग्रेस के निर्वाचित नेता भी पूरी तरह से ऐसे पाखंडियों के पीछे लगे रहते हैं। मध्यप्रदेश के ही एक ऐसे ‘सरकार’ को छत्तीसगढ़ के ही उस वक्त के सबसे बड़े कांग्रेस नेता, और अविभाजित मध्यप्रदेश के मंत्री ने लाकर यहां बसाया था, तब से उनका कारोबार यहां चल ही रहा है। इसलिए हर किस्म के पाखंड और चमत्कार के साथ, धर्मान्धता और साम्प्रदायिकता के फतवे देने वाले प्रवचनकर्ताओं के चरणों में कांग्रेसी भी पड़े दिखते हैं। लोगों को याद होगा कि आसाराम नाम के बलात्कारी मुजरिम के एक पैर पर नरेन्द्र मोदी, तो दूसरे पैर पर दिग्विजय सिंह पड़े दिखते थे। अभी भी महीनों से चल रहे विवाद के बाद भी मध्यप्रदेश के एक नौजवान बाबा के पैरों पर वानप्रस्थ की उम्र वाले कांग्रेस नेता कमलनाथ दिखे हैं। 

वोटों के चक्कर में अगर अधिक हिन्दू बनने को बेचैन कांग्रेस पार्टी अगर ऐसे बाबाओं को जगह-जगह साख दिलाती रहेगी, तो वह हिन्दुत्व की असली वारिस भाजपा की बी टीम भी नहीं बन पाएगी, सी, डी, या ई टीम शायद बन जाए तो बन जाए। जिनको हिन्दुत्व के नाम पर वोट देना है, वे भला भाजपा को क्यों छोड़ेंगे जिसने कभी हिन्दुत्व नहीं छोड़ा। अब देश भर में अलग-अलग पार्टियों के राज वाले प्रदेशों में ऐसे बाबा कारोबार चला रहे हैं। राजनीतिक दल तो बलात्कारी कैदी राम-रहीम को भी जेल से बार-बार बाहर आने का रास्ता बनाने में लगे रहते हैं। राजनीतिक दलों को ऐसे बाबाओं को अंधभक्तों को अपने वोटर बनाने की हसरत रहती है। कांग्रेस का इतिहास जवाहरलाल नेहरू रहा हुआ है, उसके बाद भी अगर आज वह पाखंडों पर सवार होकर भाजपा को पीटना चाहती है, तो भाजपा के पास ऐसे पाखंडों के अंधभक्तों के अलावा अपने खुद के भक्त भी हैं। इस हथियार से भाजपा का कुछ नहीं बिगाड़ा जा सकता। 

देश के कानून को भी इस पर गौर करना चाहिए कि किस तरह लोगों की वैज्ञानिकता को खत्म करके, चमत्कारों का झांसा देकर पेशेवर पाखंडी लोग झांसों की दुकान चला रहे हैं, और उनके खिलाफ मौजूदा कानून के तहत कोई भी कार्रवाई राज्य की सरकारें नहीं कर रही हैं। अब तो वीडियो-सुबूत लोगों के जुर्म साबित करने के लिए आसानी से मौजूद रहते हैं, और देश की किसी न किसी बड़ी अदालत को एक कड़ा रूख दिखाना होगा। जिस देश में जनता तरह-तरह की तकलीफों से घिरी रहती है, जहां उसे सरकार और अदालतों से अधिक उम्मीद नहीं रह जाती, जहां देश का भ्रष्टाचार लोगों को अपनी काबिलीयत से आगे नहीं बढऩे देता, वहां पर लोग अंधविश्वासों में फंस जाते हैं। हिन्दुस्तान ऐसा ही एक देश है। यह सिलसिला खत्म करने के लिए बेंगलुरू से लेकर पुणे तक जिन अंधविश्वास-विरोधियों ने अभियान चलाए, उन्हें मार डाला गया, क्योंकि अंधविश्वास से घिरी जनता से वोट दुहना आसान रहता है। फिर भी छत्तीसगढ़ के डॉ. दिनेश मिश्र की तरह और लोगों को भी आगे आना होगा, जनसंगठनों को मजबूती से पाखंड का विरोध करना होगा, और सरकारों और अदालतों को कार्रवाई के लिए घेरना होगा, तब जाकर देश में वैज्ञानिक सोच को बचा पाना मुमकिन होगा। जहां एक पाखंडी अपने मंतर से पढ़ी-लिखी युवती का कद तीन इंच बढ़ा देने का दावा करे, वहां विज्ञान और वैज्ञानिक सोच की जरूरत किसे रह जाती है। (क्लिक करें : सुनील कुमार के ब्लॉग का हॉट लिंक)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news