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फ़्रांस में सड़कों पर उतरे लाखों लोग, क्यों उबल रहा है देश?
24-Mar-2023 2:07 PM
फ़्रांस में सड़कों पर उतरे लाखों लोग, क्यों उबल रहा है देश?

फ़्रांस में पेंशन मिलने की उम्र बढ़ाने को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

इसी क्रम में प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को बोर्डो टाउन हॉल में आग लगी दी. इस आग में इमारत का दरवाज़ा बुरी तरह झुलस गया है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई.

हालांकि यह साफ़ नहीं है कि हॉल में आग किसने लगाई, लेकिन जल्द ही आग को बुझा लिया गया.

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़ गुरुवार को फ़्रांस में क़रीब 10 लाख लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया, वहीं राजधानी पेरिस में क़रीब 1 लाख 19 हज़ार लोग प्रदर्शन में शामिल हुए.

पेरिस में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पूरे देश में 80 लोग गिरफ़्तार किए गए.

फ़्रांस में सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 64 करने को लेकर विधेयक लाया गया है जिसका विरोध हो रहा है.

क्या कह रहे हैं प्रदर्शनकारी?
एक प्रदर्शनकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, ''मैं इस सुधार के विरोध में हूं. यहां पर लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं रह गया है. हमारा कोई प्रतिनिधित्व नहीं है और हम इससे तंग आ चुके हैं.''

एक अन्य प्रदर्शनकारी ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा, ''इस विरोध प्रदर्शन के ज़रिए हम अपनी आवाज़ पहुंचाना चाहते हैं क्योंकि दूसरे किसी तरीक़े से ये सुधार वापस नहीं लिया जाएगा.''

विरोध प्रदर्शन के चलते रेल यातायात और तेल रिफ़ाइनरी का काम प्रभावित हुआ और कुछ लोगों को चोटें भी आईं.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, पेरिस में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में नक़ाब पहने प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें देखी गईं. प्रदर्शनकारियों ने दुकान की खिड़कियों, सड़क पर लगे फ़र्नीचर और एक मैकडॉनल्ड्स रेस्तरां को अपना निशाना बनाया.

पुलिस के साथ झड़प में एक पुलिसकर्मी बेहोश गया जिसे दूसरे पुलिसकर्मियों ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.

समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक़, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया, वहीं प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर वहां मौजूद सामान फेंक कर हमला किया. एजेंसी के मुताबिक़ राजधानी पेरिस में 33 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

कई शहरों में विरोध

विरोध प्रदर्शन के चलते रेल यातायात और तेल रिफ़ाइनरी का काम प्रभावित हुआ और कुछ लोगों को चोटें भी आईं.

चश्मदीदों के मुताबिक़ रूएन शहर में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए फ़्लैश बॉल ग्रेनेड का इस्तेमाल किया जिसकी चपेट में आने की वजह ये एक लड़की के हाथ में गंभीर चोट आई.

चश्मदीदों ने बताया कि उन्होंने लड़की को सड़क पर पड़े हुए देखा और इस हमले में उन्हें अपना अंगूठा गंवाना पड़ा है.

इसके अलावा नैन्तेज़, रेन्नेस और लॉरिएंट शहरों में भी झड़पें हुई हैं.

नैन्तेज़ में एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि 'फ़्रांस में सड़कें ही किसी चीज़ को सही या ग़लत ठहराती हैं. अगर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को यह सच दिखाई नहीं दे रहा है तो मुझे नहीं पता कि वो क्या कर रहे हैं.'

कब ख़त्म होंगे विरोध प्रदर्शन?

यूनियनों और प्रदर्शनों का साथ देने वाले राजनीतिक दल गुरुवार को हुए प्रदर्शनों को अपनी सफलता की तरह देख रहे हैं, लेकिन यह स्थिति किस तरफ़ जा रही है उसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता.

सरकार को इन प्रदर्शनों से निश्चित तौर पर नुक़सान पहुंच रहा है. सरकार उम्मीद कर रही है कि सड़कों पर हो रही हिंसा के चलते लोग प्रदर्शनों से दूर रहेंगे.

वहीं विपक्ष का दावा है कि प्रदर्शन कमज़ोर नहीं पड़ेंगे, लेकिन यूनियनों को गुरुवार के दिन की तरह प्रदर्शन करने का वादा करने की बजाय ये तय करने की ज़रूरत होगी कि भविष्य में प्रदर्शनों की रणनीति क्या होगी?

जनवरी से अब तक नौ बार विरोध प्रदर्शन हो चुका है. वहीं देश की यूनियनों ने अगले मंगलवार को फिर से प्रदर्शन की घोषणा की है.

दूसरी तरफ़ ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय 26 से 29 मार्च तक फ़्रांस की राजकीय यात्रा पर हैं और उनकी इस यात्रा में बोर्डो टाउन भी शामिल है.

6 मार्च को पेंशन सुधार के खिलाफ अपनी हड़ताल शुरू करने वाले पेरिस के कूड़ा बीनने वालों ने इसे अगले सोमवार तक के लिए जारी रखने की घोषणा की है.

फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस क़दम का बचाव करते हुए कहा कि सुधार एक ज़रूरत है.

फ़्रांस के प्रधानमंत्री एलिज़ाबेथ बोर्न ने कहा है कि भविष्य में सिस्टम में एक बड़ी कमी को रोकने के लिए परिवर्तन जरूरी है. (bbc.com)

 

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