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विपक्षी दलों ने राहुल को अयोग्य ठहराए जाने को ‘प्रतिशोध की राजनीति’ और ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया
24-Mar-2023 9:03 PM
विपक्षी दलों ने राहुल को अयोग्य ठहराए जाने को ‘प्रतिशोध की राजनीति’ और ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया

नयी दिल्ली, 24 मार्च। विपक्षी दलों ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शुक्रवार को आरोप लगाया कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है और सिर्फ विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की शीर्ष नेता ममता बनर्जी ने कहा कि विपक्षी नेता अब ‘भाजपा का मुख्य निशाना’ बन गए हैं।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के ‘नए भारत’ में विपक्षी नेता भाजपा का मुख्य निशाना बन गए हैं। आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भाजपा नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया जाता है और विपक्ष के नेताओं को उनके भाषण के लिए अयोग्य ठहरा दिया जाता है। आज हम इसके गवाह बने हैं कि यह हमारे संवैधानिक लोकतंत्र के लिए न्यूनतम स्तर है।’’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए एक ट्वीट में कहा, ‘‘आज देश में जो चल रहा है, बहुत ख़तरनाक है। विपक्ष को ख़त्म करके ये लोग वन-नेशन वन-पार्टी का माहौल बनाना चाहते हैं, इसी को तो तानाशाही कहते हैं। मेरी देशवासियों से अपील है- हमें मिलकर आगे आना होगा, जनतंत्र बचाना है, देश बचाना है।’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘लोकसभा से राहुल गांधी जी का निष्कासन चौंकाने वाला है। देश बहुत कठिन दौर से गुज़र रहा है। पूरे देश को इन्होंने डरा कर रखा हुआ है। 130 करोड़ लोगों को इनकी अहंकारी सत्ता के ख़िलाफ़ एकत्र होना होगा।’’

शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद की सदस्यता समाप्त किए जाने को लोकतंत्र की ‘‘हत्या’’ करार दिया और कहा कि यह ‘‘तानाशाही’’ के अंत की शुरुआत है।

ठाकरे ने एक बयान में कहा कि चोर को चोर कहना अपराध बन गया है, जबकि देश को ‘‘लूटने वाले’’ बाहर हैं।

शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने राहुल को अयोग्य ठहराए जाने को प्रतिशोध की राजनीति करार दिया।

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘यह निंदनीय है कि भाजपा अब आपराधिक मानहानि के जरिये विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है और उन्हें अयोग्य ठहरवा रही है, जैसा अब राहुल गांधी के साथ हुआ है। विपक्ष के खिलाफ ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग हो रहा है। इस तरह के अधिनायकवादी प्रहार का प्रतिरोध किया जाए और इसे पराजित किया जाए।’’

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे संघ परिवार की तरफ से देश के ‘‘लोकतंत्र पर हिंसक हमला’’ करार दिया।

विजयन ने एक बयान में कहा कि ‘जल्दबाजी’ में राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया जाना लोकतंत्र पर संघ परिवार की तरफ से हमले का ‘नया अध्याय’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘असहमति को ताकत के जरिये दबाना फासीवादी तरीका है।’’

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस ‘अमृतकाल’ में विपक्षी नेता भाजपा के निशाने पर हैं और सत्ता के हर औजार का इस्तेमाल कर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास हो रहा है।

बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने कहा कि राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है और ज्यादातर उन नेताओं को निशाना बनाया गया है, जिनका संबंध भाजपा से नहीं हैं। (भाषा)

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