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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 25 मार्च। अपोलो अस्पताल में भर्ती 5 साल के बच्चे के बारे में जब डॉक्टरों ने बताया कि उसकी बचने की उम्मीद नहीं है तो मां ने ट्रेन से कटकर जान दे दी।
मध्य प्रदेश के कोतमा में रहने वाले आशीष सिंह एसईसीएल कर्मचारी हैं। उनका 5 साल का बेटा गंभीर रूप से बीमार हुआ तो उसे उन्होंने बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में 4 दिन पहले लाकर भर्ती कराया। बेटे की मां सुष्मिता सिंह बच्चे के पास रुक गई, जबकि 3 साल के छोटे बेटे को लेकर आशीष सिंह वापस कोतमा लौट गए। सुष्मिता सिंह के मायके वाले भी दीपका कोरबा से आकर अपोलो में उसके साथ रुके हुए थे। शुक्रवार को डॉक्टरों ने सुष्मिता सिंह को बताया कि उसके बच्चे की बचने की उम्मीद नहीं है। यह सुनकर वह बुरी तरह हताश हो गई और पैदल ही 5 किलोमीटर दूर उसलापुर रेलवे स्टेशन पहुंच गई। स्टेशन के पास एक मालगाड़ी के नजदीक आते ही वह पटरी पर कूद गई। पायलट ने ब्रेक लगाई लेकिन तब तक वह कटकर जान गंवा चुकी थी।
बताया जाता है कि मौत से पहले उसने अपने पति को फोन करके बताया था कि उसका बेटा जिंदा नहीं रहेगा, इसलिए वह भी अपनी जान दे देगी। पति ने उसे ऐसा करने से मना किया लेकिन जब तक कुछ किया जा सकता उसने आत्महत्या कर ली। सिविल लाइन, सकरी पुलिस और जीआरपी के बीच विवाद के चलते शव काफी देर तक पटरी पर ही पड़ा रहा। बाद में आगे की कार्रवाई जीआरपी ने की।