अंतरराष्ट्रीय

उत्तरी आयरलैंड में शांति कायम करने के लिए काम कर चुके ब्रिटेन की खुफिया संस्था एमआई5 के एक जासूस ने आदेशों का उल्लंघन करते हुए बीबीसी से बातचीत की है.
बीबीसी के पीटर टेलर को उस जासूस ने बताया है कि ब्रितानी सरकार से वार्ता रद्द होने के बाद भी उन्होंने आइरिश रिपब्लिकन आर्मी यानी आईआरए के नेताओं से मार्च 1993 में मुलाकात की थी.
दोनों पक्षों के बीच की ये बातचीत इंग्लैंड में आईआरए के बम धमाकों में दो किशोरों के मारे जाने के बाद टूटी थी.
उन्होंने दावा किया है कि उस मुलाकात में उन्होंने जो कहा, उसके कारण आईआरए युद्धविराम के लिए तैयार हुआ.
इस युद्धविराम के कारण ही वो प्रक्रिया शरू हुई, जिसके कारण 1998 का 'गुड फ्राइडे' समझौता हो पाया. टेलर पिछले 30 साल से उस जासूस को खोज रहे थे.
उन्हें पता चला कि जासूस ने आईआरए के साथ हुई मुलाकात में जो बातें कहीं, उसके लिए उन्हें ब्रितानी सरकार से अनुमति नहीं मिली थी.
आईआरए की राजनीतिक शाखा सिन फेइन ने 1994 में उस मुलाकात का ब्योरा प्रकाशित किया था.
उसके अनुसार जासूस ने कहा, "अंतिम हल यूनियन है... यह द्वीप एक हो जाएगा."
जासूस ने बीबीसी की डाॅक्यमेंट्री 'द एमआई5 एंड द आईआरएः ऑपरेशन शिफाॅन' में ये बातें कही हैं.