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अतीक़ अहमद को उमेश पाल की किडनैपिंग के मामले में दोषी करार दिए जाने और आजीवन कारावास की सज़ा मिलने के बाद भारी पुलिस बंदोबस्त के साथ वापस साबरमती जेल के लिए रवाना कर दिया गया.
उन्हें एमपी-एमएलए अदालत ने इस फ़ैसले के लिए प्रयागराज तलब किया था. अदालत ने हालांकि अतीक़ के भाई अशरफ़ और सह आरोपी फ़रहान सहित सात अभियुक्तों को बरी कर दिया.
प्रयागराज पुलिस ने अशरफ़ को बरेली जेल और फ़रहान को चित्रकूट जेल से लेकर आई थी. अब दोनों को वापस बरेली और चित्रकूट भेजा जा रहा है.
बीबीसी ने इसकी पुष्टि प्रयागराज पुलिस कमिश्नर से की है.
ये वही उमेश पाल हैं जिनकी बीते महीने दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. साल 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या की गई थी. उमेश पाल इस हत्या कांड के मुख्य गवाह थे.
17 साल पहले उमेश पाल का अपहरण हुआ था. उमेश पाल ने आरोप लगाया था कि साल 2006 में अतीक़ अहमद ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनका अपहरण करवाया था.(bbc.com/hindi)