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कुल 12 जगहों पर छापे, दूसरे दिन भी बड़ी कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 मार्च। ईडी की कार्रवाई बुधवार को भी जारी रही। इस कड़ी में शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया, पप्पू भाटिया, और मेयर एजाज ढेबर व आईएएस अनिल टूटेजा, और विशेष सचिव एपी त्रिपाठी के यहां दबिश दी। बताया गया कि कुल मिलाकर आज एक दर्जन जगहों पर जांच पड़ताल चल रही है।
ईडी ने उद्योगपति, और कोल कारोबारियों व अफसरों के यहां दबिश दी थी। इनमें से कुछ के यहां जांच पूरी हो चुकी है, और ईडी का अमला लौट आया है। लेकिन बुधवार को कई और जगहों पर छापेमारी की। जांच पड़ताल सुबह से चल रही है।
बताया गया कि शराब ठेकेदार ठेकेदार अमोलक सिंह भाटिया, पप्पू भाटिया, अनिल टूटेजा आईएएस, होटल कारोबारी सौरभ जैन, महापौर एजाज ढेबर, उनके भाई अनवर ढेबर, मंदीप चावला, भिलाई-दुर्ग के होटल संचालक विनोद सिंह, और भिलाई-चरौदा निवासी पप्पू बंसल शामिल हैं। ईडी ने सेक्टर-9 कॉलोनी रहवासी आबकारी विभाग के विशेष सचिव एपी त्रिपाठी के यहां भी दबिश दी। जांच पड़ताल कुल 12 जगहों पर चल रही है।
ये छापे कल के सीक्वल में मारे गए हैं। मेयर एजाज ढेबर के यहां छापेमारी के बाद विरोध शुरू हो गया। बाहर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इसी तरह विनोद सिंह के यहां 4 गाडिय़ों में टीम पहुंची है। दुर्ग के दीपक नगर के गली नंबर 4 में निवास है। बड़े राजनीतिक नेताओं से संबंध है। वर्तमान में रिश्ते में उनकी पत्नी दुर्ग नगर निगम में पार्षद हैं। नेहरू नगर में शराब व्यवसाय से जुड़े संजीव फतेहपुरिया के यहां भी ईडी ने दबिश दी। संजीव केडिया गु्रप के लिए काम करते हैं। इसके अलावा स्मृति नगर निवासी अतुल सिंह के यहां भी ईडी की टीम पहुंची है। अतुल भी शराब कारोबार से जुड़े हैं।
केडिया समूह से जुड़े उदय राव के यहां भी ईडी की टीम पहुंची है। केडिया गु्रप का लंबे समय से प्रबंधन उदय राव ही देख रहे हैं।
सूटकेस भर दस्तावेज
दूसरी तरफ, प्रदेश के सबसे बड़े शराब कारोबारी बलदेव सिंह भाटिया उर्फ पप्पू भाटिया के यहां ईडी को बड़ी सफलता मिलने का दावा किया जा रहा है। वहां एक बैग में कागजात भरकर जब्त किए गए हैं।
मौके पर मौजूद ‘छत्तीसगढ़’ के फोटो जर्नलिस्ट ने दस्तावेजों से भरे इस ट्राली बैग को सीआरपीएफ के सशस्त्र जवान की सुरक्षा में कैद कर लिया है। समझा जा रहा है कि इसमें शराब कारोबार और उससे संबंधित सरकारी दस्तावेज हो सकते हैं। ईडी आबकारी विभाग के एक-दो अफसरों को चार वर्ष पहले भी घेर चुकी है।