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अमृतपाल सिंहइमेज स्रोत,VIRAL VIDEO/ SCREEN SHOT
खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने एक वीडियो बयान जारी किया है.
पुलिस ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ 18 मार्च से कार्रवाई शुरू की हुई है. उसी दिन से अमृतपाल सिंह फरार हैं. पुलिस ने अमृतपाल के कुछ साथियों को गिरफ्तार किया है.
अमृतपाल सिंह का यह वीडियो बुधवार शाम अचानक विभिन्न डिजिटल और सैटेलाइट चैनलों पर दिखने लगा.
हालांकि पंजाब पुलिस ने इसके समय और स्थान की पुष्टि नहीं की है, लेकिन यह जरूर कहा है कि इससे पंजाब पुलिस का यह स्टैंड साबित हो गया है कि वह पुलिस हिरासत में नहीं हैं.
उधर पंजाब पुलिस प्रमुख गौरव यादव के 26 मार्च के ट्वीट के मुताबिक, पुलिस ने 353 लोगों को हिरासत में लिया था, जिनमें से 197 को रिहा कर दिया गया है.
वीडियो में अमृतपाल ने क्या कहा?
अब अमृतपाल सिंह ने एक वीडियो जारी किया गया है. इस वीडियो को बनाने के समय के बारे में निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है लेकिन इस वीडियो में उन्होंने 27 मार्च को अकाल तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह द्वारा बुलाई गई बैठक का ज़िक्र किया है.
अकाल तख्त साहिब में 27 मार्च को हुई इस 'पंथिक सभा' के दौरान जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने पंजाब सरकार को पिछले दिनों में गिरफ्तार निर्दोष युवकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था.
इसके अलावा अमृतपाल ने अपने वीडियो में जत्थेदार हरप्रीत सिंह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच 28 मार्च को सोशल मीडिया पर छिड़ी ज़बानी जंग का भी जिक्र किया गया है.
कार्रवाई के पहले दिन के बारे में क्या?
वीडियो में अमृतपाल सिंह 18 मार्च के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा, "अगर सरकार हमें घर से गिरफ्तार करती तो मैं उस समय गिरफ्तारी दे देता. उन्होंने बल का इस्तेमाल और घेराव करके हमें पकड़ने की कोशिश की है, लेकिन परमात्मा की कृपा से हम बच निकले.'
कौन हैं अमृतपाल?
अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे नामक संगठन के प्रमुख हैं. वे और उनके समर्थक सिखों के लिए एक स्वतंत्र देश ख़ालिस्तान के गठन के हिमायती हैं.
कई साल दुबई में रहने के बाद अमृतपाल ने पिछले साल अगस्त में पंजाब लौट कर अमृत संचार और नशा मुक्ति आंदोलन के नाम पर युवाओं को अपने साथ जोड़ना शुरू किया.
लेकिन वे अपने तीख़े भाषणों और गुरुद्वारों मे बेंच जलाने और अजनाला थाने के सामने हिंसक प्रदर्शन के कारण विवादों में रहे.
पुलिस 18 मार्च से अमृतपाल को पकड़ने की कोशिश कर रही है. पंजाब में अमृतपाल के समर्थकों की बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां हुई है.
जत्थेदार से अमृतपाल की अपील
बुधवार शाम सामने आए वीडियो में अमृतपाल ने कहा, "जब इंटरनेट डाउन हो गया और हमारे पास कोई संपर्क नहीं था, तो हमें पहले नहीं पता था कि खबरों में क्या हो रहा है. अब जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं तो मैंने कुछ खबरें पढ़ी हैं कि पंजाब में क्या हो रहा है."
"जत्थेदार साहब ने एक बैठक बुलाई, जिसमें सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देने का फैसला किया गया, लेकिन सरकार ने अकाल तख्त साहिब के व्यक्तित्व को चुनौती दी है, जो बहुत निचले स्तर का है."
"मुझे लगता है कि जत्थेदार साहब को इस पर कड़ा रुख़ अपनाना चाहिए. जत्थेदार साहब को सरबत खालसा को तख्त श्री दमदमा साहिब में बैसाखी मेले में आमंत्रित करना चाहिए."
सिखों के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अकाल तख्त साहिब में बुलाए गए पूरे पंथ की सभा को सरबत खालसा कहा जाता है.
यह परंपरा 18वीं शताब्दी में शुरू हुई, लेकिन सरबत खालसा को अकाल तख्त साहिब के बाहर अन्य स्थानों पर भी आमंत्रित किया जाता रहा है.
गिरफ्तारी के बारे में अमृतपाल ने कहा, "यह भगवान के हाथ में है, मैं स्वस्थ हूं और कोई मेरे बाल भी नहीं छू सकता था."
सरेंडर की ख़बरों पर क्या बोली पुलिस
पंजाब पुलिस के डीआईजी नरेंद्र भार्गव से बीबीसी संवाददाता अरविंद छाबड़ा ने फोन पर अमृतपाल सिंह के हालिया वीडियो के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वह अभी इसकी पुष्टि नहीं कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, 'अगर अमृतपाल ने वीडियो संदेश बनाकर भेजा है, तो उन्होंने केवल पंजाब पुलिस के रुख की पुष्टि की है कि वह हमारी हिरासत में नहीं है.'
उन्होंने कहा कि पुलिस लगातार उनकी तलाश कर रही है.
गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह का यह वीडियो ऐसे समय में सामने आया है जब मीडिया में उनके सरेंडर करने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे.
हालांकि अमृतसर के पुलिस कमिश्नर नौनिहाल सिंह ने बीबीसी संवाददाता रविंदर सिंह रॉबिन से बात करते हुए इन अटकलों के बारे में कहा, "अगर किसी की यहां (दरबार साहिब) आने और सरेंडर करने की मंशा है तो मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई की जाएगी. उसके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा."
"लेकिन अगर ऐसी कोई अटकल है, तो मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता. हम कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए बाध्य हैं."
कौन-कौन से मामले दर्ज हैं?
पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ शांति भंग करने, हत्या के प्रयास, पुलिसकर्मियों को घायल करने और पुलिस को ड्यूटी करने से रोकने समेत विभिन्न आरोपों में करीब 16 मामले दर्ज किए हैं.
अपने एक साथी को छुड़ाने के लिए अमृतपाल सिंह व उसके साथियों ने 23 फरवरी को अजनाला थाने का घेराव किया था. इस घेराबंदी के दौरान हिंसा भी हुई.
पुलिस के मुताबिक 18 मार्च को इसी मामले में अमृतपाल सिंह और उसके साथियों को जालंधर के शाहकोट-मलसियान रोड पर गिरफ्तार करने की कोशिश की थी, लेकिन वे नाका तोड़कर फरार हो गए.
इसके बाद से पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.