सामान्य ज्ञान
सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अधिक केंद्रित तथा गरीब आबादी के अत्यंत गरीब वर्ग तक पहुंचाने के लिए अन्त्योदय अन्न योजना (एएवाई) को दिसंबर, 2000 में शुरू किया गया था।
अन्त्योदय अन्न योजना, राज्यों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत आने वाले बीपीएल परिवारों में से अत्यंत गरीब परिवारों की पहचान करके अत्यधिक रियायती दर पर यानी 2 रू. प्रति किलो गेहूं और 3 रू. प्रति किलो चावल उपलब्ध कराती है। वितरण लागत, व्यापारियों तथा खुदरा विक्रेताओं का लाभ और परिवहन लागत राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को वहन करना पड़ता है। अत: इस योजना के अंतर्गत पूरी खाद्य सब्सिडी उपभोक्ताओं को मिलती है। अन्त्योदय परिवारों की पहचान और ऐसे परिवारों को विशिष्ट राशन कार्ड जारी करना संबंधित राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होती है। इस योजना के तहत आबंटन के लिए खाद्यान, पहचाने गए अन्त्योदय परिवारों को विशिष्ट एएवाई राशन कार्ड जारी करने के आधार पर राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को जारी किए जाते हंै। एएवाई के अंतर्गत वर्तमान मासिक आबंटन 31 दिसंबर, 2012 को करीब 8.51 लाख टन है।
शुरूआत में जारी किया गया पैमाना जो कि प्रति परिवार 25 किलो प्रति महीना था उसको प्रभावी पहली अप्रैल, 2002 से प्रति परिवार 35 किलो प्रति महीना तक बढ़ा दी गई है। अन्त्योदय अन्न योजना (एएवाई) गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) परिवारों की पहचान करके 1 करोड़ परिवारों के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के तहत राशि को तीन बार यानी की 2003-04, 2004-05 और 2005-06 के दौरान हर समय 50 लाख अतिरिक्त परिवारों के लिए बढ़ाया गया। इस प्रकार एएवाई के अंतर्गत कुल 2.50 करोड़ परिवारों (यानी की बीपीएल का 38 प्रतिशत) तक पहुंचाया गया।