अंतरराष्ट्रीय

जर्मनी आर्थिक मंदी की चपेट में हैं. इस साल के शुरुआती महीनों के दौरान यूरोप की इस सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मंदी शुरू हो गई थी.
दरअसल देश में ऊंची महंगाई दरों की वजह से उपभोक्ता खर्च घट गया है.
जर्मनी में पहली तिमाही के दौरान जीडीपी में 0.3 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. पिछले साल की आख़िरी तिमाही में जीडीपी में 0.5 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.
लगातार दो तिमाहियों में जीडीपी में नकारात्मक ग्रोथ के बाद अर्थव्यवस्था में औपचारिक तौर पर मंदी आ जाती है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ जर्मनी के वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनेर ने कहा, ''जर्मनी का जीडीपी डेटा आश्चर्यजनक रूप से नकारात्मक संकेत दे रहा है''.
उन्होंने कहा कि दूसरे विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं से तुलना करें तो लग रहा है कि जर्मनी ग्रोथ की अपनी संभावनाएं खो रहा है.
जर्मनी के आर्थिक मामलों के मंत्री रॉबर्ट हेबक ने कहा, "एनर्जी सप्लाई के लिए उनके देश का रूस पर निर्भर रहना उनके लिए नुक़सानदेह साबित हुआ है. इसने देश को मंदी की ओर धकेला है, लेकिन ग्रोथ की संभावनाएं पहले से धूमिल दिख रही थीं."
जर्मनी में घरेलू उपभोग तिमाही दर तिमाही 1.2 फ़ीसदी घटा है. सरकार ने भी पिछली तिमाही की तुलना में सार्वजनिक खर्च 4.9 फ़ीसदी कम कर दिया है.
आईएनजी ग्लोबल के विश्लेषक कार्सटन ब्रेज़स्की ने कहा, ''तुलनात्मक तौर पर कम सर्दी और चीन की इकोनॉमी के दोबारा खुलने और सप्लाई चेन के बेहतर होने से जर्मनी की अर्थव्यवस्था में जो रफ़्तार दिखी थी वो भी इसे मंदी से नहीं बचा पाई.'' (bbc.com/hindi)