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तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने के बाद कहा कि वो दिल्ली में नौकरशाहों की तैनाती और पोस्टिंग के कंट्रोल पर लाए गए अध्यादेश को वापस लेने की मांग करते हैं.
उनका कहना था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो इस मामले में अरविंद केजरीवाल का समर्थन करेंगे.
इस बैठक पर केजरीवाल ने कहा, ''हमने अपनी पूरी बात उनके सामने रखी. जैसा कि उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों को न्याय दिलाने के लिए वो, उनकी पार्टी और उनकी पूरी सरकार दिल्ली के लोगों के साथ है."
"ये बात केवल दिल्ली की नहीं है, ये जनतंत्र को बचाने की है. जो अध्यादेश पारित किया गया है, वो जनतंत्र के ख़िलाफ़ है, संविधान के ख़िलाफ़ है. उनके समर्थन से बहुत ताकत मिली है. इसके लिए मैं दिल्ली के लोगों की तरफ़ से उनका शुक्रिया अदा करता हूं.''
केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने हैदराबाद में तेलंगाना के सीएम और बीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात की.
केंद्र सरकार हाल ही में दिल्ली के अधिकारियों की तैनाती और तबादले पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश, 2023 लेकर आई है.
इसके तहत अधिकारियों की ट्रांसफ़र और पोस्टिंग से जुड़ा आख़िरी फैसला लेने का हक़ उपराज्यपाल को वापस दे दिया गया है.
सरकार का यह अध्यादेश इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली सरकार के पक्ष में दिए गए फ़ैसले के बाद आया था.
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बीते 11 मई को दिल्ली सरकार के पक्ष में फ़ैसला सुनाते हुए कहा था कि अधिकारियों के ट्रांसफ़र और पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होना चाहिए.
पीठ ने कहा कि दिल्ली में सभी प्रशासनिक मामलों में सुपरविज़न का अधिकार उपराज्यपाल के पास नहीं हो सकता. अध्यादेश आने के बाद से केजरीवाल इस पर कई नेताओं से सहयोग मांग रहे हैं.
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से भी मिलने का समय मांगा है. इससे पहले वे एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार से मिले थे.
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मामले में केजरीवाल का समर्थन कर चुकी हैं. केजरीवाल इन पार्टियों से अपील कर रहे हैं कि संसद में जब ये विधेयक पेश हो तो वे इसका विरोध करें. (bbc.com/hindi)