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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के अधीनम (मठ) से अपने आवास पर शनिवार को सेंगोल स्वीकार किया.
पीएम मोदी ने अधीनम (मठ) को संबोधित करते हुए कहा, "आज मेरे निवास स्थान पर आपके चरण पड़े हैं, ये मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है. ये भगवान शिव की कृपा है जिस वजह से मुझे एक साथ आप सभी शिवभक्तों के दर्शन का मौका मिला है."
उन्होंने कहा, "जब भारत की आजादी का प्रथम पल आया तब ये सेंगोल ही था जिसने गुलामी से पहले वाले कालखंड और स्वतंत्र भारत के उस पहले पल को आपस में जोड़ दिया था."
पीएम मोदी ने कहा कि अच्छा होता कि आजादी के बाद इस 'पूज्य सेंगोल' को पर्याप्त मान-सम्मान दिया जाता. इसे गौरवमयी स्थान दिया जाता लेकिन इस सेंगोल को प्रयागराज में आनंदभवन में वॉकिंग स्टिक यानी पैदल चलने पर सहारा देने वाली छड़ी कहकर प्रदर्शनी के लिए रख दिया गया था.
पीएम ने कहा, "आपका ये सेवक और हमारी सरकार अब उस सेंगोल को आनंद भवन से निकालकर लाई है, आज आजादी के उस प्रथम पल को नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना के साथ हमें फिर से पुनर्जीवित करने का मौका है."
पीएम रविवार को संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. इस सेंगोल को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया जाएगा.
उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि भारत की महान परंपरा के प्रतीक उसी सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा, ये सेंगोल इस बात की याद दिलाता रहेगा कि हमें कर्तव्यपथ पर चलना है. जनता जनार्दन के प्रति जवाबदेह बने रहना है." (bbc.com/hindi)