राष्ट्रीय
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने साल 1994 के रामपुर तिराहा कांड की सुनवाई कर रही मुज्जफ़रनगर कोर्ट को बताया है कि इस मामले से जुड़े असली दस्तावेज़ गायब हो गए हैं.
अंग्रेजी अख़बार द टाइम्स ऑफ़ इंडिया में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक़, साल 1994 में उत्तराखंड राज्य की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों पर उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से लाठीचार्ज और गोलियां चलाई गयी थीं जिसमें कई लोगों की जान गयी थी.
इस दौरान कई महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार किए जाने की भी ख़बरें आई थीं.
इन घटनाओं के असली दस्तावेज़ सीबीआई के पास मौजूद थे. और कोर्ट ने सीबीआई से इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी.
इसके बाद सीबीआई ने कोर्ट में दाखिल अपने आवेदन में कहा है कि जब तक दस्तावेज़ नहीं मिल जाते तब तक इस मामले की सुनवाई को स्थगित करना चाहिए.
अदालत ने बीती मार्च में ही इस मामले में गंभीर आरोप झेल रहे 29 पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ सुनवाई प्रक्रिया में शामिल नहीं होने की वजह से ग़ैर-जमानती वारंट जारी किया था. (bbc.com/hindi)