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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने अमेरिका दौरे के दौरान सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव के बारे में एक ऐसा दावा किया, जिसके बाद कई लोग उनकी जानकारी पर सवाल उठा रहे हैं.
राहुल गांधी ने अमेरिका के सैन फ़्रांसिस्को में दिए एक भाषण में गुरु नानक देव की यात्राओं का ज़िक्र करते हुए दावा किया कि वो थाईलैंड गए थे.
राहुल गांधी के भाषण का ये हिस्सा सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगा. बीजेपी के नेता और दूसरे सोशल मीडिया यूज़र उनकी जानकारी पर सवाल उठाने लगे.
कुछ लोग उन्हें 'ट्रोल' भी करने लगे. ट्विटर #Guru Nanak #Thailand और #राहुलगांधी ट्रेंड करने लगे
राहुल गांधी ने क्या कहा?
अमेरिका दौरे पर गए राहुल गांधी सेन फ़्रांसिस्को में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित कर रहे थे.
भाषण शुरू होने के कुछ ही देर बाद कुछ लोगों ने नारेबाज़ी शुरू कर दी.
नारे लगाने वाले लोग सिख्स फ़ॉर जस्टिस (एसजेएफ़) से जुड़े थे. वो खालिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे. इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर भी नारे लगाए गए.
नारेबाज़ी के दौरान राहुल गांधी कुछ देर के लिए रुके. फिर उन्होंने अपनी 'भारत जोड़ो यात्रा' का ज़िक्र किया.
राहुल गांधी ने कहा, "भारत जोड़ो एक आइडिया है, जो आपके दिलों में है. ये एक दूसरे को सम्मान देने के बारे में है और एक दूसरे से लगाव रखने के बारे में है. ये एक दूसरे प्रति हिंसक न होने के बारे में है. गुरुर न दिखाने के बारे में है."
इसी के बाद उन्होंने गुरु नानक देव का ज़िक्र किया.
राहुल गांधी ने कहा, "मैं यहां अपने सिख भाइयों को देख रहा हूं. आपके गुरु नानक जी का पूरा जीवन इसी के लिए था. वो बात थी, विनम्र रहो, स्नेह करो, गुरु नानक जी की तुलना में हम कुछ नहीं चले."
इसके बाद उन्होंने गुरु नानक देव की थाईलैंड यात्रा को लेकर दावा किया.
राहुल गांधी ने कहा, "मैंने कहीं पढ़ा था कि गुरु नानक जी मक्का, सऊदी अरब गए थे. वो थाईलैंड गए थे, वो श्रीलंका गए थे. ये बड़े लोग हमारे पैदा होने के काफी पहले भारत जोड़ो कर रहे थे."
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ये बयान सामने आते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई.
कुछ लोगों ने उनके बयान को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) से सवाल किया,"क्या गुरुनानक देव थाईलैंड गए थे और भारत जोड़ो यात्रा की थी."
गुरु नानक देव की यात्रा: तथ्य क्या है?
सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव ने कई यात्राएं की. उन्होंने भारत और पश्चिमी एशिया के कई इलाक़ों का भ्रमण किया. वे अधिकतर पैदल ही यात्राएं किया करते थे.
उनके साथ रबाब बजाने वाले भाई मरदाना यात्रा करते थे.
गुरु नानक देव की यात्राओं को उदासी कहा जाता है. पंजाब सरकार ने इनका ब्योरा दर्ज किया है.
पहली उदासी (1500-1505)
गुरु नानक देव ने अपनी पहली यात्रा में उत्तर भारत, मौजूदा बांग्लादेश और मौजूदा पाकिस्तान के इलाकों की यात्रा की.
दूसरी उदासी (1506-1509)
गुरु नानक देव ने अपनी दूसरी यात्रा में दक्षिण भारत का रुख किया.
वो राजस्थान और उत्तर प्रदेश होते हुए देश के दक्षिणी हिस्से की ओर गए.
ये कहा जाता है कि गुरु नानक देव ने श्रीलंका की यात्रा भी इसी दौरान की.
तीसरी उदासी (1514-1516)
गुरु नानक देव ने अपनी तीसरी यात्रा में हिमालय क्षेत्र का दौरा किया.
इस दौरान वो कश्मीर के अलावा लद्दाख और तिब्बत तक गए.
चौथी उदासी (1518-1521)
इस यात्रा में गुरू नानक देव ने पश्चिम दिशा का रुख़ किया.
इसी दौरान गुरु नानक देव मक्का और मदीना गए.
चौथी उदासी के बाद गुरु नानक देव रावी नदी के किनारे करतारपुर (मौजूदा पाकिस्तान में) में बस गए और अपने जीवन का बाक़ी समय वहीं व्यातीत किया.
राहुल गांधी के दावे पर तीखी प्रतिक्रिया
गुरु नानक देव के थाईलैंड जाने से जुड़े राहुल गांधी के दावे पर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कमेंट किए.
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने उनसे तीखे सवाल पूछे.
बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्विटर पर लिखा, “प्रिय राहुल गांधी आपकी बेवकूफियों के नाम पर हमें आपको कब तक माफ करते रहना चाहिए. आपने ये कहां पढ़ा कि गुरु नानक थाईलैंड गए थे? ”
बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉक्टर के लक्ष्मण ने कहा कि 'गुरु नानक का मजाक बनाना ठीक नहीं है.'
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "ये दावा करते हुए गुरु नानक जी का मजाक बनाना ठीक नहीं है कि वो थाईलैंड गए थे!"
फ़िल्मकार अशोक पंडित ने भी राहुल गांधी के दावे पर सवाल उठाया.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "गुरु नानक जी थाईलैंड गए थे. कौन इस बंदे को इतिहास पढ़ाता है?" (bbc.com/hindi)