ताजा खबर
नई दिल्ली, 1 जून : सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई की ओर से बग़ैर किसी पहचान पत्र के 2000 के नोट बदलने के आदेश के ख़िलाफ़ दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. याचिका अश्विनी उपाध्याय नाम के वकील ने दायर की थी.
बीबीसी के सहयोगी संवाददाता सुचित्र मोहंती ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच ने बुधवार को अश्विनी उपाध्याय की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है.
वो बगैर किसी पहचान पत्र के 2000 रुपये के नोटों को बदलने के आरबीआई के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई की मांग कर रहे थे.
हालांकि बेंच ने कहा कि वो छुट्टियों के बाद इस मामले को चीफ जस्टिस के बेंच के सामने लाएं.
उपाध्याय ने आरबीआई के आदेश के ख़िलाफ़ पहले दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन हाई कोर्ट में उन्हें इस मामले में कोई राहत नहीं मिली. इसके बाद उपाध्याय सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे.
आरबीआई ने 19 मई को बैंकों से नए 2000 के नोट जारी करने पर तुरंत रोक लगाने को कहा था. उसी दिन नोटों की बदली के लिए सभी बैंकों को निर्देश भेज दिए गए थे.
रिजर्व बैंक ने कहा था कि नोट बगैर पहचान पत्र और स्लिप के बदले जाएंगे. 23 मई से 2000 रुपये के नोटों को बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी.
आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 24 (1) के तहत पहली बार 2000 के नोट नवंबर 2016 में जारी किए गए थे. तब 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद किए जाने के बाद अर्थव्यवस्था में मुद्रा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए 2000 के नोट जारी किए गए थे. जब छोटे नोटों की आपूर्ति सुचारू हो गई तो 2018-19 में 2000 के नोटों को छापना बंद कर दिया गया. (bbc.com/hindi)