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नई दिल्ली, 2 जून : राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई मेडल जीतने वाले भारतीय पहलवानों ने बीते 28 अप्रैल को कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ यौन शोषण के मामले में एफ़आईआर दर्ज कराई थी.
इसके बाद से पहलवान उनकी गिरफ़्तारी की मांग कर रहे थे. लेकिन एफ़आईआर में पॉक्सो क़ानून की धाराएं लगाए जाने के बाद भी अब तक बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ़्तार नहीं किया गया है. क़ानूनन किसी शख़्स के ख़िलाफ़ पॉक्सो क़ानून के तहत एफ़आईआर होने के तुरंत बाद गिरफ़्तारी का प्रावधान है.
अंग्रेजी अख़बार द हिंदू ने इस मामले में इस एफ़आईआर में लगाए गए अभियोगों को विस्तृत ढंग से प्रकाशित किया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में दो एफ़आईआर दर्ज कराई गई है.
इन एफ़आईआर में सिंह के ख़िलाफ़ आईपीसी के सेक्शन 354 (किसी महिला ग़लत इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354A (यौन उत्पीड़न), 354D (मना करने के बावजूद पीछा करना), और 34 (सामान्य इरादा) के साथ पोक्सो क़ानून की धाराओं के तहत केस दर्ज कराया गया है.
इस एफ़आईआर में भारतीय कुश्ती महासंघ के सचिव विनोद तोमर का भी नाम दर्ज कराया गया है.
इस एफ़आईआर में 17 वर्षीय खिलाड़ी की ओर से उसके पिता ने एफ़आईआर दर्ज कराई है. ये लड़की साल 2016 से पहलवानी कर रही है.
एफ़आईआर के मुताबिक़ इस लड़की के पिता ने कहा है कि जब उनकी बेटी ने एक प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता तो अभियुक्त ने फ़ोटो लेने के बहाने उनकी बेटी को “ज़बरदस्ती अपनी ओर खींचा और लड़की चाहकर भी खुद को दूर नहीं कर सकी.
एफ़आईआर में लगाए गए आरोपों के मुताबिक़, सिंह ने पीड़िता से कहा कि वह उनके संपर्क में रहे. सिंह ने कहा कि अगर तुम मेरा साथ दोगी तो मैं तुम्हारा साथ दूंगा. मेरे संपर्क में रहो.”
इस पर लड़की ने कहा कि “सर, मैं यहां तक अपने दम पर आई हूं और मेहनत करके आगे भी जाऊंगी.”
एफ़आईआर में लगाए गए आरोपों के मुताबिक़, "सिंह ने पीड़िता से कहा कि वह उनके संपर्क में रहे. सिंह कहा कि अगर तुम मेरा साथ दोगी तो मैं तुम्हारा साथ दूंगा. मेरे संपर्क में रहो.”
इस पर लड़की ने कहा कि “सर, मैं यहां तक अपने दम पर आई हूं और मेहनत करके आगे भी जाऊंगी.”