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दत्तक केंद्र का वीडियो फैला, मासूम को उठा-उठाकर पटका, आरोपी हिरासत में
05-Jun-2023 6:30 PM
दत्तक केंद्र का वीडियो फैला, मासूम को उठा-उठाकर पटका, आरोपी हिरासत में

   जिला कार्यक्रम अधिकारी सस्पेंड   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर, 5 जून।
मासूम बच्चों की देखभाल के लिए दत्तक केंद्र का वीडियो वायरल हुआ है। इसमें केंद्र की प्रोजेक्ट मैनेजर मासूमों की बेदर्दी से पिटाई करती दिख रही है। मासूमों को उठा-उठाकर पटकते वीडियो देखकर हडकंप मच गया है और जांच में घटना की पुष्टि होने के बाद आरोपी प्रोजेक्ट मैनेजर के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया है। आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। यही नहीं, एनजीओ का पंजीयन निलंबित कर दिया है। साथ ही साथ मॉनिटरिंग में लापरवाही बरतने पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। यह सिफारिश संचालक महिला बाल विकास ने की है। इसके अलावा तत्कालीन कार्यक्रम अधिकारी चंद्रशेखर मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया है।

बताया गया है कि शिवनगर इलाके में दत्तक ग्रहण केंद्र का संचालन किया जाता है। इस केंद्र का संचालन प्रतिज्ञा विकास संस्थान दुर्ग कर रही है। यहां निराश्रित बच्चे जिनकी उम्र अधिकतम 6 साल है, रहती हैं। 

केंद्र का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें संस्थान की प्रोजेक्ट मैनेजर सीमा द्विवेदी मासूमों की बेदर्दी से पिटाई करते हुए साफ दिख रही हैं। यही नहीं, एक को तो उठा-उठाकर पटक रही है। बच्ची चीखती है, चिल्लाती है, रोने लगती है। लेकिन मैनेजर को उस पर तरस नहीं आया और पिटाई करती रही। दो महिला कर्मचारी वहां से गुजरती हैं। लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होती है कि बच्चों के साथ हो रही बर्बरता को रोक सके। इसी दौरान एक बच्ची से मैनेजर सवाल जवाब करने लगती है। दूर खड़ी बच्ची को पास बुलाती है और फिर बाल पकड़ पिटाई शुरू कर देती है। बच्ची गिरती है तो उसे उठाकर मारपीट करती है। इसके बाद भी मैनेजर का गुस्सा शांत नहीं होता, वह गाली-गलौज करने लगती है।

बताया गया है कि प्रोजेक्ट मैनेजर सीमा द्विवेदी के खिलाफ पहले भी शिकायत हो चुकी है। बताया गया है कि यह वीडियो दिसंबर का है। इसकी जांच के लिए महिला बाल विकास विभाग की टीम भी आई थी। जांच में घटना की पुष्टि भी हुई थी, लेकिन आगे की कार्रवाई नहीं हुई।

अब वीडियो फैलने के बाद प्रशासन हरकत में आया है। कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला के निर्देश पर सीमा द्विवेदी के खिलाफ किशोर अधिनियम और अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। आरोपी प्रोजेक्ट मैनेजर को हिरासत में भी ले लिया गया है।

इसके अलावा महिला बाल विकास विभाग ने एनजीओ का पंजीयन निरस्त कर दिया है और संचालन भी निलंबित कर दिया है। इसके अलावा महिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना लाडिय़ा के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

इससे पहले संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी ने बताया था कि घटना की पुष्टि हो चुकी है लेकिन प्रकरण को पहले दबाया गया। अब वीडियो आने के बाद जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होगी और पुलिस प्रकरण भी दर्ज कराया जाएगा।

सुनील से सुनें : बच्चियों से ऐसी हिंसा जो सोशल मीडिया के कम्प्यूटर भी नहीं झेल पा रहे...

अनाथ बच्चों पर हर किसी को रहम आ जाती है, लेकिन जो संस्था सरकारी पैसों से अनाथाश्रम चला रही है, उसकी महिला कर्मचारी इसी नौकरी का खा रही है, लेकिन जिस तरह वह दो-चार बरस की मासूम बच्चियों को उठा-उठाकर पटक रही है, वह वीडियो देखना भी मुश्किल है। इस अखबार ने उसे समाचार के साथ पोस्ट किया, तो यूट्यूब ने तुरंत ही उसे हटा दिया। छत्तीसगढ़ के आदिवासी जिले कांकेर में जाहिर है कि दत्तक ग्रहण एजेंसी के ऐसे केन्द्र की इस हिंसा के सुबूत दिसंबर 2022 से मौजूद हैं, लेकिन कांकेर से लेकर राजधानी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जब सुबूत साबित हो गए हैं, तो कलेक्टर ने एफआईआर के निर्देश दिए हैं। आदिवासी बच्चों के साथ ऐसी सवर्ण हिंसा पर देखें कि आगे क्या इंसाफ होता है। इस अखबार ‘छत्तीसगढ़’ के संपादक सुनील कुमार को सुनें न्यूजरूम से।

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