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राहुल गांधी ने न्यूयॉर्क में कहा- मोदी इतिहास की राजनीति कर रहे हैं, हम भविष्य की
05-Jun-2023 9:38 PM
राहुल गांधी ने न्यूयॉर्क में कहा- मोदी इतिहास की राजनीति कर रहे हैं, हम भविष्य की

राहुल गांधीइमेज स्रोत,@INCINDIA

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका से एक बार फिर बीजेपी, पीएम नरेंद्र मोदी और आरएसएस पर निशाना साधा है.

न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भविष्य की तरफ़ देखने में अक्षम हैं और सिर्फ़ पीछे ही देखते हैं.

राहुल गांधी ने ओडिशा में हुए रेल हादसे पर टिप्पणी करते हुए ये भी कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में हुए हादसे के समय मंत्री ने इस्तीफ़ा दे दिया था, लेकिन बीजेपी में कोई ज़िम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है.

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी रियरव्यू मिरर में देखते हुए कार चला रहे हैं और उन्हें पता नहीं है कि ‘’भारतीय कार बार-बार हादसों का शिकार क्यों हो रही है.’

इससे पहले राहुल गांधी ने एक ट्वीट करके रेल हादसे पर सरकार पर निशाना साधा था और रेल मंत्री के इस्तीफ़े की मांग की थी.

राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार इतनी दर्दनाक दुर्घटना की ज़िम्मेदारी लेने से भाग नहीं सकती है.

अमेरिकी दौरे पर गए राहुल गांधी के बयान सुर्ख़ियों में हैं. वहीं बीजेपी का कहना है कि राहुल गांधी विदेश में भारत की छवि ख़राब कर रहे हैं.

राहुल गांधी ने कहा, “आप जानते हैं कि भारत में इस समय लड़ाई चल रही है, ये लड़ाई दो विचारधाराओं की है. एक जिसका प्रतिनिधित्व हम करते हैं और दूसरा जिसका प्रतिनिधित्व आरएसएस और बीजेपी करते हैं.”

राहुल ने कहा, “साधारण शब्दों में कहें तो एक तरफ़ महात्मा गांधी हैं और दूसरी तरफ़ नाथूराम गोडसे हैं. एक तरफ़ एक बहादुर व्यक्ति है, जो आपके जैसा एनआरआई है, जो संभवतः भारत का कई सालों में सबसे प्रभावशाली, विनम्र और सादगी भरा एनआरआई है.''

''वो व्यक्ति जिसे भारत की विचारधारा में विश्वास था. जिसने अहिंसा को आत्मसात किया और जो सत्य के पथ पर चला. दूसरी तरफ़ नाथूराम गोडसे हैं जो हिंसक हैं, उग्र हैं और जो अपने जीवन की सच्चाई का सामना करने में असमर्थ हैं.''

''उन्होंने गांधी को इसलिए मारा क्योंकि वो अपने जीवन का सामना नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने अपने आक्रोश को किसी पर निकालना था और उन्होंने ऐसे व्यक्ति पर हमला करके अपना आक्रोश निकाला जो भारत की आत्मा का प्रतिनिधित्व करते थे.”

राहुल गांधी ने कहा, “गांधी जी भविष्य की तरफ़ देखते थे, वो आधुनिक थे लेकिन गोडसे सिर्फ़ इतिहास की बात करते थे. गोडसे ने कभी भी भविष्य की बात नहीं की. वो ग़ुस्सैल थे और नफ़रत से भरे थे और वास्तव में वो डरपोक थे.''

''गांधी जी के सामने दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त थी. सुपरपावर थी. वो आज के अमेरिका से भी अधिक शक्तिशाली शक्ति थी. वो इसका सामना कर पाये क्योंकि वो सत्य के पथ पर चल रहे थे और विनम्र थे. आप सभी महात्मा गांधी, आंबेडकर, सरदार पटेल और नेहरू के पदचिन्हों पर चल रहे हैं.”

राहुल गांधी ने अपने भाषण में भारत के अन्य विचारकों का भी ज़िक्र किया.

राहुल गांधी ने कहा, “अगर हम विनम्रता की बात करें तो मैं सिर्फ़ महात्मा गांधी पर नहीं रुकूंगा, मैं उनसे पीछे भी जा सकता हूं क्योंकि महात्मा गांधी ने भी ये विनम्रता किसी से सीखी थी. कर्नाटक में वसवना थे, केरल में नारायणगुरु थे, पंजाब में गुरुनाक जी थे, गौतम बुद्ध थे.''

''भारत में ऐसे विचारकों की लंबी सूची है. अगर आप भारत के ऐसे महान व्यक्तित्वों के सार को देखें तो आप पायेंगे कि इन सब में कुछ ख़ास विशेषताएं थीं. इन सभी ने सत्य की खोज की और उसके लिए लड़ाई लड़ी. आंबेडकर जी ने दलित जिन हालात का सामना कर रहे थे उनके ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी.”

राहुल गांधी
राहुल गांधी ने ये भी कहा कि भारतीय समुदाय अमेरिका में आकर कामयाब इसलिए है क्योंकि भारतीय लोगों ने भारत के मूल्यों का सम्मान किया है और अमेरिकी संस्कृति और लोगों को स्वीकार किया है.

राहुल गांधी ने कहा, “ये सभी लोग विनम्र थे, इनमें उद्दंडता नहीं थी. इसी तरह आपने भी अमेरिका में काम किया है और इसलिए ही आप कामयाब हैं. अमेरिका में भारतीय समुदाय की कामयाबी का कारण ये है कि भारतीय लोगों ने अमेरिकी संस्कृति को स्वीकार किया है और इसका सम्मान किया है. उन्होंने अमेरिका और अमेरिका के लोगों को स्वीकार किया है और यही उनकी कामयाबी की सबसे बड़ी वजह है.”

वहीं भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस पर टिप्पणी करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ये भविष्य की तरफ़ देखने में अक्षम हैं और सिर्फ़ इतिहास की बातें करते रहते हैं, पीछे देखते रहते हैं.

राहुल गांधी ने कहा, “लेकिन भारत में हमारे सामने एक समस्या है. बहुत सरल शब्दों में मैं आपको ये समस्या बताऊंगा. बीजेपी और आरएसएस भविष्य की तरफ़ देखने में अक्षम हैं. उनसे आप कुछ भी पूछो वो पीछे की ओर देखते हैं.''

''उनसे पूछो कि भैया ट्रेन एक्सिटेंड क्यों हुई तो वे कहेंगे देखो पचास साल पहले कांग्रेस ने ये किया. अगर उनसे पूछें कि टेक्स्टबुक से पीरियॉडिक टेबल और इवॉल्यूशन थिअरी क्यों निकाल दी तो वो जवाब देंगे भैया कांग्रेस ने साठ साल पहले ये किया था.''

''वो तुरंत पीछे देखो की प्रतिक्रिया देते हैं. आप इस बारे में सोचिए. आप सब यहां कार से आये हैं, अगर आप सिर्फ़ रियरव्यू मिरर में देख रहे होते तो क्या होता. अगर कार देखते हुए आप सिर्फ़ रियरव्यू मियर में ही देखते रहें तो क्या आप सुरक्षित कार चला पाएंगे. एक के बाद एक हादसा होगा और यात्री कहेंगे कि भैया क्या कर रहे हो- मरवा दिया आपने.”

राहुल गांधी ने कहा, “नरेंद्र मोदी भी भारतीय कार को चलाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वो सिर्फ़ रियरव्यू मिरर में देखते हैं और फिर वो समझ नहीं पाते हैं कि इस कार के साथ हादसे क्यों हो रहे हैं.''

''ये आगे क्यों नहीं बढ़ रही है. बीजेपी और आरएसएस का भी विचार यही है. आप उनके मंत्रियों को सुनिये, उनके प्रधानमंत्री को सुनिये, वो सिर्फ़ इतिहास की बात करते हैं, कभी भविष्य की बात नहीं करते और इतिहास के लिए वो किसी और को ज़िम्मेदार ठहराते हैं.”

राहुल गांधी ने 1956 में रेल हादसे के बाद लाल तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के इस्तीफ़े का ज़िक्र करते हुए भाजपा पर निशाना भी साधा.

उन्होंने कहा, “मुझे याद है कि जब कांग्रेस सत्ता में थी तब एक रेल हादसा हुआ था, तब कांग्रेस ने ये नहीं कहा था कि ब्रितानी सरकार की ग़लती है. मुझे याद है कि कांग्रेस के मंत्री ने कहा था कि इस रेल हादसे में मेरी ग़लती है और मैं इस्तीफ़ा दे रहा हूं.”

उन्होंने कहा, “हमारे देश में समस्या ये है कि हम बहाने बना रहे हैं और हम वास्तविकता को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. हमारे सामने वास्तविकता ये है कि हमारे देश में बेरोज़गारी है और हमें ये सुनिश्चित करना है कि हमारे सभी नौजवान उत्पादक हों और उन्हें काम मिले.”

अपने अमेरिकी दौरे की वजह बताते हुए राहुल गांधी ने कहा, “मेरे यहाँ आने का एक कारण ये भी है क्योंकि मैं ये मानता हूं कि अगर हमें ऐसा देश बनाना है, जहाँ हम अपने युवाओं को रोज़गार दे सकें तो हमें अमेरिका और भारत के बीच एक सेतु बनाना होगा.''

''चीन हमारे सामने जो चुनौती पेश की है, उससे हम कैसे प्रतिद्वंदिता करें, ये देखना होगा. मोबिलिटी के क्षेत्र में हुई क्रांति पर हमारे विचार क्या हैं, डेटा और कनेक्टिविटी के क्षेत्र में हो रही क्रांति पर हमारे विचार क्या हैं और एनर्जी सिस्टम में जो बदलाव आ रहे हैं उन पर हमारे विचार क्या हैं. हमें इन चीजों पर चर्चा करनी चाहिए.”

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस अपनी विचारधारा पर चलती रहेगी. उन्होंने एक बार फिर नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोलने का ज़िक्र किया.

उन्होंने कहा, “ये कांग्रस पार्टी की शक्ति है कि हम हिंसक नहीं है, उग्र नहीं हैं. यही हमारी ताक़त है. हम अपना व्यवहार नहीं बदलेंगे. आपको ये समझना होगा कि आप नफ़रत को नफ़रत से नहीं हरा सकते हैं. ये असंभव हैं.''

''मैं नफ़रत से नफ़रत से लड़ने में रूची नहीं लेता हूँ. मैंने बोला है कि मैं नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोलूंगा. आपका काम नफ़रत फैलाने का है, हमारा काम मोहब्बत फैलाने का है. हम आपके लिए आपका काम नहीं करेंगे. आप नफ़रत फैलाइए, हम मोहब्बत की दुकान खोलेंगे.”

उन्होंने भारत में न्यायपालिका और मीडिया की स्वतंत्रता के सवाल को भी उठाया.

राहुल गांधी का बयान
राहुल गांधी ने कहा, “आज भारत में संस्थानों पर हमले हो रहे हैं. न्यायपालिका, मीडिया पर हमला हो रहा है. भारत के विचार की रक्षा करना हम सबकी ज़िम्मेदारी है. आधुनिक भारत हमारे संविधान और हमारे लोकतंत्र के बिना नहीं रह सकता है.”

राहुल ने कहा, “मेरी रूचि रियरव्यू मिरर में देखने में नहीं है बल्कि में आगे देखकर चलना चाहता हूं, और पूछना चाहता हूं कि भाइयों-बहनों, हम कैसे आगे बढ़ सकते हैं. कैसे हम लोगों के प्रति दयालु हो सकते हैं और कैसे मोहब्बत फैला सकते हैं.”

ये पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने अपने किसी विदेशी दौरे पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है.

भाजपा उनकी आलोचना को ख़ारिज करती रही है और उन पर विदेश में जाकर भारत की छवि ख़राब करने का आरोप लगाती रही है. (bbc.com/hindi)

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