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पाकिस्तान की सरकार ने आख़िरकार एलान कर ही दिया कि देश में चुनाव कब होंगे.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अख़बार के मुताबिक़ चुनाव में देरी की अटकलों को विराम देते हुए रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने कहा के इस साल अक्टूबर में चुनाव होंगे.
पाकिस्तान लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक मंदी से जूझ रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक वक़्त पर निष्पक्ष तरीक़े से चुनाव नहीं कराए जाएंगे तब तक हालात बेहतर नहीं होंगेे.
सत्ताधारी गठबंधन की सदस्य पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के को-चेयरमैन आसिफ़ अली ज़रदारी भी पहले कह चुके हैं कि चुनाव को अक्टूबर के आगे टालना बेवक़ूफ़ी होगी.
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की पाकिस्तान तहरीके-इंसाफ़ पार्टी (पीटीआई) ने आशंका जताई थी कि शहबाज़ शरीफ़ सरकार चुनाव में जान बूझकर देरी करवा सकती है.
मौजूदा असेंबली इस साल अगस्त में अपना पांच साल का टर्म पूरा कर रही है और इसके दो महीने के अंदर आम चुनाव करा दिए जाएंगे.
पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक़ असेंबली का कार्यकाल पूरा होने के 60 दिनों के अंदर चुनाव करवाने अनिवार्य होते हैं.
पीटीआई ने पंजाब और ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह प्रांत की असेंबली भंग कर दी थी.
उसे उम्मीद थी कि इस क़दम से सत्ताधारी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी गठबंधन देश के और प्रांतीय असेंबली के चुनाव 90 दिनों के अंदर कराने को बाध्य हो जाएगा.
लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सत्ताधारी गठबंधन और इमरान ख़ान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक़े- इंसाफ़ के बीच चुनाव की तारीख़ों को लेकर सहमति नहीं बन पाई थी.
पाकिस्तान में लंबे समय से राजनीतिक उठापठक जारी है. पिछले महीने भ्रष्टाचार से जुड़े एक केस में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से हिरासत में ले लिया गया था.
जिसके बाद उनकी पार्टी के समर्थकों ने पूरे देश में जमकर हंगामा मचाया था और बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और हिंसा हुई थी जिसमें कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी.
जिसके बाद इमरान ख़ान पर कई और मामले दर्ज कर लिए गए थे. लेकिन बाद में कोर्ट ने उन्हें ज़मानत दे दी थी.
इसके बाद प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट, इमरान ख़ान के इशारों पर काम कर रही है. (bbc.com/hindi)