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बेसबॉल खिलाड़ी अंजली खलखो का छत्तीसगढ़ के गांव से हांगकांग तक का सफर
08-Jun-2023 1:20 PM
बेसबॉल खिलाड़ी अंजली खलखो का छत्तीसगढ़ के गांव से हांगकांग तक का सफर

    महिला एशिया बेसबॉल चैम्पियनशिप में भारतीय टीम का हिस्सा रहीं   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर, 8 जून।
गांवों, कस्बों और दूरस्थ अंचलों में प्रतिभाओं की कमी नहीं होती है, बस जरूरत होती है उन्हें एक अवसर देने की। अवसर, प्रतिभाओं को निखरने का और आगे बढऩे का मौका देती है। ऐसी ही एक प्रतिभावान खिलाड़ी है बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम सिविलदाग की अंजली खलखो। जिसकी प्रतिभा को पहचानते हुए समय-समय पर छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा सहयोग और अवसर  दिया गया। जिसके कारण अंजली इंडियन बेसबॉल टीम में अपनी जगह बनाने में सफल हुई। 

सिविलदाग कुसमी विकासखंड का एक छोटा सा गांव है। यहां की अंजली ने मेहनत और लगन की बदौलत बेसबॉल खिलाड़ी के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है। वे हाल ही में हांगकांग में आयोजित वूमेंस एशिया बेसबॉल चैम्पियनशिप में इंडियन टीम का हिस्सा रहीं। जिसमें इंडियन टीम एशिया लेवल पर 6वें स्थान पर रही। अंजली आगामी दिसम्बर में कनाडा में होने वाले प्रतियोगिता में शामिल होंगी।

किसान रिजू खलखो एवं महिला बाल विकास विभाग में कार्यरत कर्मचारी राजमणी खलखो की बेटी अंजली कहती हैं कि वे कक्षा 6वीं से ही बेसबॉल खेलना शुरू कर दी थी। अपनी उपलब्धि का श्रेय माता-पिता, कोच अख्तर खान, खेल टीचर हेमलता तथा अपने भाई-बहनों आलोक, अंशुमाला एवं आकांक्षा खलखो को देते हुए कहती हैं कि इन सब ने बचपन से उन्हें खेलने के लिए लगातार प्रेरित किया है। 

वे कहती हैं कि किसी आम व्यक्ति से खिलाड़ी बनने तक के सफर में कई महत्वपूर्ण पड़ाव आते हैं। ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों में खिलाड़ी बनने में कई प्रकार की चुनौतियां आती हैं। कई प्रकार के सामाजिक दबाव होते हैं, जैसे- कई लड़कियों पर शादी का दबाव तो कईयों पर घर से अकेले बाहर भेजने और खेलने को लेकर दबाव होता है और लडक़ों पर परिवार को आर्थिक सहायता देने जैसी कई प्रकार की स्थिति निर्मित होती है। ऐसी परिस्थितियों में माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों की अहम जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चों की प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें प्रोत्साहित करें और बेहतर वातावरण उपलब्ध कराएं। कई बार यह माता-पिता के लिए उनकी पारिवारिक स्थिति के कारण संभव नहीं हो पाता है। कई बार खिलाडिय़ों को आधारभूत सुविधाएं जैसे अच्छी डाईट, प्रशिक्षण, सुविधाजनक खेल का मैदान आदि उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। परन्तु शासन और प्रशासन इसके लिए सहायता उपलब्ध कराए तो इन पिछड़े क्षेत्रों से कई प्रतिभावान खिलाड़ी अपने जिले, राज्य और देश का नाम विश्व स्तर पर रौशन कर सकते हैं।

अंजली की प्राथमिक शिक्षा लरंगी और रातासिली जैसे शासकीय प्राथमिक शालाओं से हुई है। इसके बाद कक्षा 6वीं की शिक्षा वे बिलासपुर से ली। वर्तमान में वे रायपुर में बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन में अध्ययनरत हैं। बिलासपुर में ही उन्होंने अपने खेल की शुरुआत की, जिसके बाद वे अनुभाग, जिला और राज्य स्तर पर खेलते हुए भारतीय टीम का हिस्सा बनीं।

अंजली ने कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी उपलब्धियों को साझा किया। अंजली ने बताया कि वे अपनी खेल यात्रा में अब तक नेशनल लेवल प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक सहित कई अन्य पदक जीते हैं। 

कलेक्टर रिमिजियुस एक्का एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रेना जमील ने अंजली को बधाई देते हुए उनकी उपलब्धियों की सराहना की एवं उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

 

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