अंतरराष्ट्रीय

कारिको और वाइसमैन को मेडिसिन का नोबेल
03-Oct-2023 12:53 PM
कारिको और वाइसमैन को मेडिसिन का नोबेल

काटालिन कारिको और ड्रू वाइसमैन को चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. कोविड-19 की mRNA वैक्सीन विकसित करने में इनकी खोज की बड़ी भूमिका रही.

   (dw.com)  

स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में नोबेल पुरस्कार समिति ने 2023 के नोबेल पुरस्कारों का एलान शुरू कर दिया है. सबसे पहले दिया जाने वाला चिकित्सा क्षेत्र का नोबेल हंगरी की काटालिन कारिको और अमेरिका के ड्रू वाइसमैन को मिला है.

दोनों नामों का एलान करते हुए पुरस्कार समिति ने कहा, "कारिको और वाइसमैन ने आधुनिक काल में इंसानी स्वास्थ्य पर आए एक सबसे बड़े संकट के दौरान वैक्सीन के विकास में अभूतपूर्व रफ्तार से भागीदारी निभाई."

मां के भरोसे को याद करतीं कारिको

68 साल की कारिको ने पुरस्कार जीतने के बाद स्वीडिश रेडियो से बात की. इस दौरान उन्होंने हर साल नोबेल पुरस्कार के एलान सुनने वाली अपनी मां का जिक्र करते हुए कहा, "10 साल पहले जब मैं प्रोफेसर भी नहीं थी, तब वह इसे सुनती थीं. वह हमेशा यह सुनती थीं और कहती थीं, शायद तुम्हारा भी नाम आएगा."

कारिको की मां अब इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन पुराने प्रसंग याद करते हुए कारिको ने स्वीडिश रेडियो से कहा, "मैं उनकी बातें सुनकर हंसती थी, क्योंकि मुझे कभी कोई ग्रांट या टीम नहीं मिली. मैं तो प्रोफेसर भी नहीं थी, क्योंकि मुझे पद से नीचे कर दिया गया था." कारिको ने कहा कि शायद मां ने "ऊपर यह एलान जरूर सुना होगा."

बढ़ाई गई पुरस्कार राशि

इस साल नोबेल पुरस्कारों के तहत मिलने वाली धनराशि को 10 लाख क्रोनर बढ़ाया गया है. क्रोनर स्वीडन की मुद्रा है. क्रोनर के गिरते मूल्य के कारण पुरस्कार समिति ने विजेताओं को एक करोड़ की जगह 1.1 करोड़ क्रोनर की राशि देने का एलान किया है. अमेरिकी डॉलर में यह रकम 10 लाख डॉलर से जरा ज्यादा है.

नोबेल को किसी भी क्षेत्र में मिलने वाले सबसे बड़े पुरस्कार के रूप में देखा जाता है. चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार पहली बार 1901 में दिए गए. तब से अब तक 113 बार मेडिसिन के नोबेल पुरस्कार दिए जा चुके हैं. इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले 225 वैज्ञानिकों में सिर्फ 12 महिलाएं ही शामिल हैं. हंगरी की काटलिन कारिको भी अब इन 12 महिलाओं में शरीक हो चुकी हैं.

2022 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार स्विस विज्ञानी स्वांते पाबो को मिला था. उनकी खोज ने इंसान की विलुप्त हो चुकी प्रजाति निएंडरथाल के DNA के रहस्य सामने रखे. उनके शोध से इंसान के क्रमिक विकास और मानव शरीर के प्रतिरोधी सिस्टम को समझने में बड़ी मदद मिली.

ओएसजे/वीएस (डीपीए, एएफपी)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news