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पेरिस, 11 अगस्त। ओलंपिक मुक्केबाजी चैंपियन इमाने खेलीफ ने पेरिस ओलंपिक के दौरान अपनी लिंग जांच के झूठे दावों के साथ ऑनलाइन उत्पीड़न के खिलाफ फ्रांस में कानूनी शिकायत दर्ज की है। उनके वकील ने रविवार को यह जानकारी दी।
खेलीफ शुक्रवार को महिला वेल्टरवेट वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल कर अपने देश अल्जीरिया के लिए बड़ी हस्ती बन गयी।
वकील नबील बौदी ने कहा कि ऑनलाइन नफरत फैलाने वाले पोस्ट और भाषण से निपटने के लिए पेरिस अभियोजक के कार्यालय में शुक्रवार को शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें खेलीफ को निशाना बनाकर ‘गंभीर साइबर उत्पीड़न’ का आरोप लगाया गया था।
उन्होंने इसे खेलीफ के खिलाफ ‘महिला द्वेषपूर्ण, नस्लवादी और लिंगवादी अभियान’ बताया।
अब यह अभियोजकों पर निर्भर है कि वे जांच शुरू करें या नहीं। फ्रांस की कानून में इस तरह की शिकायत में किसी कथित अपराधी का नाम नहीं होता है, लेकिन यह जांचकर्ताओं पर छोड़ दिया जाता है कि वह यह निर्धारित करे कि गलती किसकी हो सकती है।
खेलीफ ने इस ओलंपिक के अपने शुरुआती मैच में इटली की प्रतिद्वंद्वी एंजेला कारिनी के मुकाबले के महज 46 सेकेंड बाद हटने से जीत दर्ज की थी।
कारिनी ने आरोप लगाया कि खेलीफ के मुक्कों से उन्हें काफी तेज चोट लग रही है। वह भावुक होकर रिंग से बाहर निकली जिसके बाद सोशल मीडिया पर खेलीफ को ट्रांसजेंडर या पुरूष होने का दावा किया गया।
खेलीफ ने कहा कि उनके बारे में गलतफहमियां फैलाना ‘मानवीय गरिमा को नुकसान पहुंचाता है।’
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) द्वारा प्रतिबंधित अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) ने दावा किया था कि खेलीफ और ताइवान की लिन यू-टिंग 2023 विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में लिंग पात्रता परीक्षण में विफल रही थी।
आईबीए पर प्रतिबंध के बाद आईओसी के कार्यबल तोक्यो ओलंपिक के बाद पेरिस में भी मुक्केबाजी का संचालन किया।
आईओसी ने आईबीए द्वारा इन दोनों पर लगाए गए मनमाने लिंग परीक्षण को बेहद दोषपूर्ण बताया है और पेरिस खेलों की शुरुआत से ही दोनों मुक्केबाजों का बचाव किया है। (एपी)