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नयी दिल्ली, 14 सितंबर। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने खुद को तकनीकी सहायक बता कर एक अमेरिकी नागरिक से 4.5 लाख अमेरिकी डॉलर की ठगी करने को लेकर एक कथित साइबर अपराधी को मुंबई से गिरफ्तार किया है। आधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी जांच एजेंसी ‘फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन’ (एफबीआई) के साथ समन्वय में साइबर अपराधियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन चक्र-3’ चलाया जा रहा है और इसी के तहत सीबीआई ने एक साइबर अपराध नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, जो 2022 से ही दूसरे देशों में लोगों को निशाना बना रहा था।
उन्होंने बताया कि सीबीआई के अंतरराष्ट्रीय अभियान प्रभाग (आईओडी) ने आरोपी विष्णु राठी को मुंबई में गिरफ्तार किया और उसे दिल्ली लाया गया।
अधिकारियों ने बताया कि राठी को शनिवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया।
मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘‘हिरासत में पूछताछ किये जाने की कार्रवाई जांच में सहायता के लिए है और यह कथित अपराध की जांच के प्रभावी तरीकों में से एक है। इसलिए, प्रभावी और निष्पक्ष जांच के लिए, आरोपी से हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।’’
अधिकारियों के मुताबिक, गत दो दिनों में सात जगहों पर ली गई तलाशी के दौरान, सीबीआई ने राठी के परिसरों से 100-100 ग्राम के सोने की 57 छड़ें, 16 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन, क्रिप्टो करेंसी के प्रबंधन में इस्तेमाल किये जाने वाला लैपटॉप, लॉकर के विवरण और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की।
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी को ऐसी सामग्री मिली है, जिससे पता चलता है कि यह अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क, अपराध से अर्जित धन को वर्चुअल परिसंपत्तियों और सोने-चांदी में तब्दील कर रहा था।
अधिकारियों के अनुसार, सीबीआई ने नौ सितंबर को राठी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने जून और अगस्त 2022 के बीच एक अमेरिकी नागरिक को निशाना बनाने की साजिश रची।
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में बताया, ‘‘यह भी आरोप है कि तकनीकी सहायता सेवाओं की पेशकश के बहाने आरोपियों ने अमेरिका में रहने वाले पीड़ित को गलत जानकारी दी कि उसके बैंक खाते से छेड़छाड़ की गई है। यह दावा करते हुए कि खाते में मौजूद रकम जोखिम में है, उन्होंने कथित तौर पर पीड़ित से अपने क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में 4,53,953 अमेरिकी डॉलर का अंतरण करा लिया।’’
प्रवक्ता ने बताया कि सीबीआई सुरागों पर कार्रवाई के लिए इंटरपोल के माध्यम से एफबीआई और कई देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई ने ‘ऑपरेशन चक्र-3’ की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य इंटरपोल के संपर्क का लाभ उठाते हुए वैश्विक रूप से समन्वित कानून प्रवर्तन प्रतिक्रिया के तहत, संगठित वित्तीय साइबर अपराध नेटवर्क का मुकाबला करना और उसे नष्ट करना है।’’ (भाषा)