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छत्तीसगढ़ संवाददाता
रायपुर,18 सितंबर। महिलाओं में होने वाली पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम लक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने सितंबर में पीसीओएस जागरूकता माह मनाया जाता है। इनमें माहवारी, पुरुष हॉर्मोन का बढऩा, ओवरी में सिस्ट, वजन बढऩा, एक्ने, शरीर पर ज्यादा बाल आना और प्रजनन समस्याएं शामिल हैं।
शीला कृष्णास्वामी, न्यूट्रिशन एवं वेलनेस कंसल्टेंट ने बताया कि भारत में बड़ी संख्या में महिलाएं इस समस्या से जूझ रही हैं। इन लक्षणों को प्राकृतिक तरीके से नियंत्रित करने के लिए संतुलित और स्वच्छ आहार जरूरी है। पोषण आहार के लिए बादाम, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें और साबुत अनाज जैसे प्राकृतिक खाद्य पदार्थ को खाना में शामिल करने की सलाह दी गई।
उन्होंने बताया कि रोजमर्रा के भोजन में ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का चयन करें। पीसीओएस को नियंत्रित करने के लिए दालें, साबुत अनाज, सीड्स और बादाम जैसे नट्स, जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, काफी फायदेमंद होते हैं। इनसे ब्लड शुगर के स्तर पर नियंत्रण रहता है और इंसुलिन के फास्टिंग स्तर को कम करने में मदद मिलती है। इससे पीसीओएस के लक्षणों में सुधार और समग्र सेहत बेहतर हो सकती है।