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रेहड़ी दुकानदारों को नाम प्रदर्शित करने का निर्देश देने का निर्णय नहीं लिया गया: हिप्र सरकार
26-Sep-2024 10:37 PM
रेहड़ी दुकानदारों को नाम प्रदर्शित करने का निर्देश देने का निर्णय नहीं लिया गया: हिप्र सरकार

शिमला/नयी दिल्ली, 26 सितंबर। रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों के लिए नाम प्रदर्शित करने को अनिवार्य बनाने के मंत्री विक्रमादित्य सिंह के ऐलान को लेकर आलोचना का सामना कर रही हिमाचल प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है।

राज्य के लोकनिर्माण और शहरी विकास मंत्री सिंह ने बुधवार को मीडिया से कहा था कि रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वाले लोगों के लिए, खासकर भोज्य पदार्थ बेचने वालों के लिए, दुकान पर पहचानपत्र प्रदर्शित करने को अनिवार्य किया जाएगा।

उन्होंने कहा था कि यह निर्णय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसले की तर्ज पर लिया गया है।

सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने मामले में हस्तक्षेप किया जिसके बाद राज्य सरकार का स्पष्टीकरण आया।

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से चर्चा की है।

उन्होंने कहा कि यह मामला विधानसभा अध्यक्ष द्वारा रेहड़ी-पटरी पर भोजन और अन्य सामान बेचने वालों के लिए विशिष्ट क्षेत्र निर्धारित करने के मकसद से एक समिति गठित करने से उत्पन्न हुआ है।

सिंह ने कहा था, ‘‘हमने रेहड़ी-पटरी वालों के लिए रेहड़ी-पटरी समिति द्वारा जारी पहचान पत्र (आईडी कार्ड) प्रदर्शित करने को अनिवार्य बनाने का फैसला किया है, ऐसा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपनाए गए प्रारूप की तर्ज पर किया गया है जिसने इस विचार को आगे बढ़ाया था।’’

राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि उसने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है जो रेहड़ी-पटरी पर दुकान लगाने वालों के लिए ‘नाम पट्टिका’ या अन्य पहचान प्रदर्शित करना अनिवार्य बनाता हो।

बयान के अनुसार, पिछले हफ्ते हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने ‘रेहड़ी-पटरी दुकनदारों’ के लिए एक नीति तैयार करने के लिए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया था।

बाहरी श्रमिकों को उनकी पहचान के साथ पंजीकृत करने का निर्णय संजौली में एक मस्जिद के कथित अनधिकृत हिस्सों के विध्वंस के लिए कुछ हफ्ते पहले बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद आया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता जयराम ठाकुर ने बृहस्पतिवार को कहा कि सिंह को अपने बयान पर कायम रहना चाहिए। हिमाचल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ठाकुर ने कहा,‘‘यदि विक्रमादित्य सिंह ने रेहड़ी-पटरी दुकानदारों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर नीति लागू करने के बारे में बात की है, तो उन्हें अपने बयान पर डटे रहना चाहिए।’’

खाद्य पदार्थों में थूकने और पेशाब मिलाने की कथित घटनाओं का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को खाद्य पदार्थ से जुड़ी दुकान के संचालकों, मालिकों और प्रबंधकों को अनिवार्य रूप से दुकानों पर उनका नाम और पता प्रदर्शित करने का आदेश दिया था।

उन्होंने यह भी आदेश दिया कि रसोइये और वेटर को मास्क और दस्ताने पहनने चाहिए, और अनिवार्य किया कि होटल और रेस्तरां में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।

इससे पहले कई कांग्रेस नेताओं ने विक्रमादित्य सिंह द्वारा घोषित फैसले की आलोचना की। छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, ‘‘मैं इससे सहमत नहीं हूं। इसकी क्या जरूरत है? एक व्यक्ति रेहड़ी-पटरी पर कपड़े, तौलिए, बेडशीट आदि बेच सकता है। किसी रेहड़ी-पटरी विक्रेता को खुद का नाम लिखने की आवश्यकता क्यों होगी? रेहड़ी-पटरी विक्रेता को वह सामान प्रदर्शित करना चाहिए जो वे बेच रहे हैं, अगर मैं कुछ बेच रहा हूं तो मैं जो बेच रहा हूं उसका उल्लेख करूंगा, मैं टीएस सिंहदेव क्यों लिखूंगा।’’

सिंहदेव ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘इसमें जाति या धर्म की कोई आवश्यकता नहीं है। फेरीवाले विक्रेता रेहड़ी-पटरी अधिनियम के तहत आते हैं, उन्हें एक टोकन मिलता है और स्थानीय निकाय के पास उनका पंजीकरण होता है। नाम प्रदर्शित करना कैसे महत्वपूर्ण हो सकता है।’’

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख अजय राय ने कहा, ‘‘इससे रेहड़ी-पटरी वाले विक्रेताओं को परेशानी होगी और इस आदेश को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए. इससे ‘इंस्पेक्टर राज’ को बढ़ावा मिलेगा।’’ (भाषा)

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