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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 27 सितंबर। ग्राम अमलडीहा से समूह जल प्रदाय योजना की जो स्कीम है यह पूरा कब होगा कोई गारंटी नहीं पर सौ किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने के नाम पर ठेकेदार को जो फ्री हैंड दिया गया है उसका नतीजा यह कि आज करोड़ों की लागत से बनी सडक़ छलनी हो गई। गुरुवार को हुई बारिश में नवागढ़ तिलका पारा रोड में कई स्कूली बच्चे चोटिल हो गए।
न मिट्टी ठीक से डाली गई हैं न गड्ढे भरे गए है। अमलीडीहा से लेकर मारो तक सडक़ किनारे बेतरतीब खुदाई की गई हैं। नवागढ़ से मुंगेली मार्ग में सडक़ को खोदकर छलनी कर दिया गया है। अमलीडीहा प्रोजेक्ट के अध्यक्ष कलेक्टर क्या हुए ठेकेदार जिले के कोतवाल हो गए। जब पीडब्ल्यू विभाग के ईई निर्मल सिंह से पूछा गया की क्या सडक़ बिक गई है पानी के भाव, किसने अनुमति दी, खनन की तो जवाब नहीं दे सके।
समाज सेविका भारती गंधर्व ने पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव को पत्र लिखकर सडक़ खुदाई की जांच की मांग की है। गंधर्व ने बताया कि मंत्री दयालदास बघेल के कार्यकाल में वर्ष 2007-08 में लोगों को नवागढ़ से मुंगेली तक पक्की सडक़ मिली। दक्षिण भारत की कंपनी ने मुंगेली से बेमेतरा तक सडक़ निर्माण किया, जिसके बाद से आज तक उक्त सडक़ को विभाग ने मरम्मत भले किया पर रिनिवल नहीं किया। ठीक इसी तरह नारायणपुर से चंदखुरी तक जो सडक़ बनी वह इस विधानसभा की सर्वाधिक लंबी सडक़ है। अब इस सडक़ की जो खनन की जा रही है वह दर्शनीय है। दोनों सडक़ की बेस की दुर्दशा किया जाना अनुचित है। बाद में सडक़ विस्तार में यदि पाइप लाइन फूटी तो लोग सडक़, पानी दोनों को तरसेंगे।