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हड़ताल और आदतन गैरहाजिर
आज कलम बंद काम बंद हड़ताल की सफलता पर व कहीं कोई संदेह नहीं रह गया है। सुबह से राजधानी समेत प्रदेश के सभी स्कूलों में तालाबंदी हैं। मठपुरैना स्कूल में तो सांड, बैल घूमते रहे। तहसील, कलेक्टोरेट, निगम के जोन-मुख्यालय सब खुले तो थे लेकिन कुर्सियां खाली पड़ी रही। अब ये सोमवार को ही भरेंगी। अगले दो दिन साप्ताहिक अवकाश है ही। हड़ताल को यह स्वरूप देने, फेडरेशन के नेताओं को कई यत्न करने पड़े, और आज सुबह तक भी। सामूहिक अवकाश का आवेदन देकर कहीं कोई कर्मचारी तीन दिन की टूर पर न निकल जाए। इस पर विशेष नजर रखी गई। वाट्सएप ग्रुप में बड़े नेता यही मेसेज वायरल करते रहे। ऐसे लोगों के लिए निगरानी भी बिठाई गई। हालांकि जो नहीं आया उस पर कार्रवाई तो कर नहीं सकते। और किया गया तो एक व्यक्ति भी पूरा संघ संगठन को नुकसान पहुंचा सकता है। अब ऐसे आदतन तो मेरे अकेले के न जाने से क्या होगा सोचकर, गए तीन दिन के लिए। क्योंकि इनका मानना है कि डीए मिलेगा ही, कुछ देर से ही सही। बाकी आठ माँगें, जब पूरी होंगी तब मुझे भी मिल जाएगा फायदा। आज जिला, तहसील, ब्लाक के धरना स्थलों पर कर्मचारी नेता ऐसे लोगों की लिखित न सही जेहन में अवश्य सूची बनाते रहे। ताकि भविष्य में इनके व्यक्तिगत काम पडऩे पर आज की गैरहाजिरी याद दिलाई जा सके।
नड्डा और पुराने परिचित
राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा यहां आए, तो पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक की। उन्होंने सीएम विष्णुदेव साय, प्रभारी नितिन नबीन, प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव और पवन साय के साथ करीब 15 मिनट तक अलग से चर्चा की। कहा जा रहा है कि इस बैठक में संगठन की गतिविधियों पर मंत्रणा हुई है।
नड्डा जैसे ही कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में उतरे, उन्होंने स्वागत के लिए मौजूद सांसद बृजमोहन अग्रवाल के कान में कुछ कहा। बाद में दोनों की अलग से चर्चा भी हुई। नड्डा पार्टी, और सरकार के कामकाज के साथ-साथ उपचुनाव की तैयारियों पर भी मंत्रणा की है।
नड्डा प्रदेश भाजपा के प्रभारी भी रह चुके हैं। लिहाजा, वो छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत तौर पर परिचित भी हैं। यही वजह है कि एयरपोर्ट से लेकर पार्टी दफ्तर में उनसे मिलने के लिए होड़ मची रही। कई नेताओं को स्वागत के लिए एयरपोर्ट में प्रवेश नहीं मिला, इस पर कुछ नेताओं ने संगठन के नेताओं से शिकायत भी की।
सही-गलत अलग है, लेकिन....
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा यहां आए, तो उन्होंने सदस्यता अभियान की समीक्षा की। वे नालंदा परिसर भी गए, जहां यूपीएससी-पीएससी, और अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों में जुटे युवाओं से भी मुलाकात की। कई युवाओं ने तो भाजपा की सदस्यता भी ली।
नालंदा परिसर में भाजपा के सदस्यता अभियान की आलोचना भी हो रही है। नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ये तो (नालंदा परिसर) लाइब्रेरी का दुरुपयोग हो रहा है। वह पढऩे की जगह है, न कि राजनीतिक सदस्यता दिलाने की। हर जगह इस प्रकार का आयोजन होना अच्छा संदेश नहीं है। कांग्रेस नेता चाहे कुछ भी कहे, लेकिन नौकरी के लिए पढ़ाई कर रहे युवाओं का राजनीतिक दल का सदस्य बनना चौंका भी रहा है।
दंड देने का यह कौन सा तरीका?
स्कूलों में बच्चों के साथ अमानवीय बर्ताव की घटनाएं रुक नहीं रही है। दंड देने के नए-नए तरीके आजमाए जा रहे हैं। जशपुर जिले के बगीचा स्थित एक पब्लिक स्कूल में चौथी कक्षा की बच्ची को होम वर्क पूरा करके नहीं लाने पर शिक्षिका 200 बार ऊठक-बैठक लगाने के लिए कहा। डरी-सहमी नन्हीं सी जान ने दंड भुगतना शुरू किया। जैसे तैसे व 70 दंड बैठक ही लगा पाई। उसके बाद उसकी ताकत जवाब दे गई और गिर पड़ी। बच्ची को घर भेज दिया गया। अब बच्ची का पैर सूज गया है और चल नहीं पा रही है। परिजन उसका अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। मगर उस शिक्षिका पर कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। इस तरह के बढ़ते मामलों पर हाईकोर्ट को संज्ञान लेने की जरूरत पड़ रही है। नई शिक्षा नीति में छोटे बच्चों को होम वर्क नहीं देने और मनोरंजक वातावरण में पढ़ाने का सुझाव दिया गया है। इसके बावजूद जशपुर जैसी घटनाएं हो रही हैं।
विधायक पुराने दिनों में लौटी..
सरायपाली की विधायक चातुरी नंद राजनीति में कदम रखने से पहले शिक्षिका थी। वह अपने क्षेत्र के एक स्कूल पहुंची। बच्चों से उन्होंने प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के बारे में सवाल पूछा। फिर चाक लेकर ब्लैक बोर्ड पर खुद ही पढ़ाने लगीं। इसका एक वीडियो सामने आया है।